चरण सिंह
तो क्या अब बारी जिया उर रहमान बर्क की बारी है ? क्या जिया उर रहमान बर्क का हाल आजम खां जैसा होने वाला है ? क्या जिया उर रहमान बर्क को जेल भेजने की तैयारी चल रही है ?
संभल हिंसा में जिस तरह से जिया उर रहमान बर्क को मुख्य आरोपी बनाया गया है। जिस तरह से उन पर भीड़ को उकसाकर हिंसा फ़ैलाने का मामला दर्ज किया गया है। जिस तरह से उन पर एनएसए लगाने की तैयारी की बात सामने आ रही है। इन सब बातों के आधार पर कहा जा सकता है कि जिया उर रहमान पर शिकंजा कसा जा रहा है। मामला तो विधायक इक़बाल के बेटे सोहेल इक़बाल के खिलाफ भी दर्ज दिया गया है पर मुख्य आरोपी जिया उर रहमान बताये जा रहे हैं। ऐसे में जिया उर रहमान का राजनीतिक करियर भी संभल दंगे की चपेट में आ सकता है।
जिया उर रहमान के दिन संभल हिंसा के बाद इसलिए गर्दिश में दिखाई दे रहे हैं क्योंकि संभल हिंसा में 5 लोगों की मौत और 20 लोगों के घायल होने की बात सामने आ रही है और बर्क पर सियासत के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप है। दरअसल आजम खां को ज्यादा बोलने और मुस्लिमों का खुलकर पक्ष लेने का खामियाजा उठाना पड़ा है, क्योंकि आजम खां के लिए उनकी पार्टी सपा खुलकर सड़कों पर नहीं उतरी तो उनकी बर्बादी की कहानी लिख दी गई। ऐसे ही यदि जिया उर रहमान बर्क को जेल भेजा जाता है तो उनके लिए भी समाजवादी सड़कों पर उतरेगी, इसमें संदेह है। क्योंकि आजम खां के खिलाफ ढूंढ ढूंढ कर केस लगाये गये हैं तो फिर जिया उर रहमान के साथ भी ऐसा किया जा सकता है।
वैसे भी जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ तो ऐसा मामला दर्ज कर लिया गया है कि उनका बच निकलना मुश्किल लग रहा है। बताया जा रहा है कि इस मामले में अब तक कुल 6 FIR दर्ज की गई हैं। इन दर्ज FIR में जिया-उर-रहमान का नाम पहले नंबर पर बताया जा रहा है। इस एफआईआर में बताया गया है कि 22 नवंबर को जिया-उर-रहमान बर्क ने जामा मस्जिद जाकर नमाज अदा की और भीड़ इकट्ठा कर भड़काऊ बयानबाजी की। बर्क पर आरोप लगा है कि उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से भीड़ को उग्र किया गया था।
सपा सांसद का नाम आने पर पिछले दो दिनों से राजनीतिक बयानबाजी जारी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कह रहे हैं कि जिया-उर-रहमान घटना वाले दिन संभल में ही नहीं थे लेकिन इसके बावजूद उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। दरअसल जिया उर रहमान बर्क संभल के राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इनके दादा शफीक-उर-रहमान बर्क लंबे संभल से विधायक रहने के साथ ही संभल और मुरादाबाद से सांसद भी रहे हैं। जिया-उर-रहमान पहली बार समाजवादी पार्टी से सांसद बने हैं। 2022 में जिया उर रहमान ने कुंदरकी विधानसभा चुनाव जीता था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ने के दौरान वह स्नातक में ही छात्र राजनीति से जुड़ गए थे।