द न्यूज 15
प्रयागराज। पीड़ित छात्रों से मिलने जाते समय कल छोटा बघाड़ा से युवा मंच के संयोजक राजेश सचान को गिरफ्तार करके पुलिस ने कर्नलगंज थाने में रखा है।
राजेश सचान की जीवन साथी सुनीता शाह बताती हैं कि राजेश को कल शाम गिरफ्तार करने के बाद पुलिस जानबूझकर बहुत देर तक टालती रही। देर रात तक हमें पता नहीं चल पाया कि पुलिस राजेश को कहां लेकर गई है। फिर किसी तरह पता चला तो सुबह कर्नलगंज थाने में मिलने गई नाश्ता लेकर तो पुलिस ने मिलने नहीं दिया। मेरे साथ बहुत बदतमीजी से पेश आये। राजेश के साथ वहां पर अपराधियों जैसा सलूक किया गया। इतनी ठंड में राजेश को रात भर ज़मीन पर बैठाकर रखा गया। राजेश से मिलने तो नहीं दिया लेकिन उन्होंने चिल्लाकर बताया की लाठी। मैं समझ नहीं पायी उन्हें लाठी मारा गया या दिखाया गया।
सुनीता शाह बताती हैं कि सीओ अजीत सिंह चौहान ने धमकी भरे आवाज़ में कहा है कि उसके (राजेश सचान) के ऊपर उनकी निगाह बहुत दिनों से थी। राजेश सचान की तत्काल बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुये सुनीता शाह आगे कहती हैं – “आप तमाम शहर के वासी और छात्र अच्छे से जानते हैं कि पिछले दिनों चार महीने तक सिविल लाइंस धरनास्थल पर रोज़गार के सवाल पर शांतिपूर्ण तरीक़े से युवा मंच ने राजेश सचान के नेतृत्व में धरना चलाया और रोज़गार के सवाल पर हमेशा आंदोलन और समर्थन करते हैं और सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते हैं। लेकिन आज CO कर्नलगंज ने राजेश सचान को प्रदेश का सबसे मोस्ट वांटेड बताया जैसे कोई अपराधी हों जिसकी पुलिस को शिद्दत से तलाश थी। ये युवाओं के रोज़गार आंदोलन से डरी हुई सरकार अपनी कब्र में आखिरी कील खुद ही ठोक रही है”।
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने राजेश सचान की गिरफ्तारी पर कहा है कि – “युवा मंच संयोजक राजेश सचान के बारे में एसएसपी प्रयागराज की बयानबाजी कि वह सोशल मीडिया के जरिए लोंगो को भड़का रहे थे बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। राजेश सचान के बारे में सभी लोग जानते है कि मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग के छात्र रहे है और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने एमए किया है, वह आइसा के छात्रनेता थे। हाल ही में हुए किसान आंदोलन का युवा मंच बनाकर उन्होंने समर्थन किया था और 4 माह तक प्रदेश में रिक्त 5 लाख पदों को भरने और गरिमामयी रोजगार के लिए प्रयागराज में युवा मंच के बैनर तले शांतिपूर्ण धरना चलाया था, इस समय वह युवा मंच के संयोजक हैं। इसलिए एसएसपी प्रयागराज की बयानबाजी छात्रों पर अपनी बर्बर दमन की कार्रवाई पर पर्दा डालने के लिए है। उत्तर प्रदेश सरकार को और जिला प्रशासन को चाहिए कि वह राजेश सचान पर 120 बी समेत सभी धाराओं में लादे मुकदमे को तत्काल वापस लेकर उन्हें बिना शर्त रिहा करे।