स्वराज इंडिया दिल्ली देहात मोर्चा ने खेड़ा डाबर गाँव में स्मार्ट गाँव शपथ समारोह का किया आयोजन
हमारे पूर्वज कहते थे कि खूटा खाली नहीं करना है, हम डीडीए के शर्तों पर अपनी सारी जमीन बेचकर अपने ही गाँव में अजनबी नहीं बनेंगे, डीडीए की पहली ईंट तभी लगेगी जब किसान को उसका हक मिलेगा: राजीव यादव, अध्यक्ष, दिल्ली देहात मोर्चा
द न्यूज 15
स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेन्द्र ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसी भी आन्दोलन को खड़ा करने के लिए तीन स्तर से गुजरना पड़ता है। पहला जानकारी, दूसरा एकता और तीसरा संघर्ष। जानकारी के लिए दिल्ली देहात मोर्चा के अध्यक्ष, राजीव जी पिछले सात साल से गांव में घूम-घूम कर व हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से डाबर क्षेत्र के गांवों को जागरूक किया है। आज के खेड़ा डाबर की मीटिंग के बाद एकता के स्तर की शुरुआत हो गई है। इस मीटिंग के बाद यहां जो लोग भी उपस्थित हैं, वे लोग अपने साथ दूसरे घर, परिवार, और समुदाय को जोड़ेंगे। फिर हमारा काफिला तैयार होगा। इसके बाद हम तीसरे स्तर संघर्ष की तरफ बढ़ेंगे और किसान एक हो गया तो जीत सुनिश्चित है।
स्वराज इंडिया दिल्ली देहात के अध्यक्ष राजीव यादव ने डीडीए की भूमि नीति में किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी को रेखांकित करते हुए दिल्ली देहात के किसानों की ओर से दिल्ली उपराज्यपाल को पत्र का खाका पढ़ा और कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से पत्र पर सुझाव माँगें। पत्र के ड्राफ्ट में लैंड पॉलिसी से किसानों की दिक्कतों को चिन्हित करते हुए वैकल्पिक नीतियाँ पेश किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित किसानों ने पत्र से अपनी सहमति जताते हुए कई बदलाव भी
कार्यक्रम के अंत में किसानों ने सामूहिक शपथ लिया कि वो दिल्ली देहात के गाँवों को स्लम नहीं बनने देंगे और अगर सरकार व डीडीए ने उनकी न्यायपूर्ण माँगें नहीं मानी तो दिल्ली देहात के किसान विशाल आंदोलन के लिए दिल्ली कूच करने के लिए मजबूर होंगे। “दिल्ली देहात को जगाना है, स्मार्ट गाँव बसवाना है” इस नारे व संकल्प के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
स्वराज इंडिया दिल्ली देहात मोर्चा अपने गठन के समय से ही लगातार लैंड पूलिंग मसले पर किसानों का हक सुनिश्चित करने के लिए जारी संघर्ष का नेतृत्व करता रहा है। वर्ष २०१६, २०१७, २०१८ में इस विषय पर जगरूकता फ़ैलाने के पंचायतों का आयोजन किया गया। जब जब डीडीए ने अपनी पॉलिसी पर आपत्ति व सुझाव माँगे, स्वराज इंडिया दिल्ली देहात मोर्चा ने पूरी दृढ़ता से दिल्ली देहात का पक्ष डीडीए के समक्ष रखा। साथ ही इस विषय पर दिल्ली देहात के १०७ गाँवों में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया। ये स्वराज इंडिया के प्रयास का ही फल था कि बार बार डीडीए द्वारा रेजिस्ट्रेशन की खिड़की खोले जाने के बावजूद किसान डीडीए के झांसे में नहीं आए। यह