न्यूज़ 15 ब्यूरो
पटना । आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी और सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहीं रोहिणी आचार्या की उम्मीदवारी खतरे में आ गयी है। रोहिणी के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की गयी है, जिसमें रोहिणी के नामांकन को स्वीकृत करने के फैसले को चुनौती दी गयी है।
सारण लोकसभा सीट से आरजेडी कैंडिडेट रोहिणी आचार्या के सामने नयी मुश्किल खड़ी हो गयी है। नृपेंद्र कुमार चतुर्वेदी नामक याचिकाकर्ता ने रोहिणी का नामांकन रद्द करने के लिए पटना हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है। रिट चायिका में उन्होंने चुनाव आयोग के रिटर्निंग ऑफिसर के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें रोहिणी के नामांकन को स्वीकृत किया गया था।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में रोहिणी की नागरिकता को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं। उनकी दलील है कि रोहिणी आचार्या के पासपोर्ट की कोई जाँच नहीं की गई है कि सात वर्षों से भी अधिक सिंगापुर में रहते हुए रोहिणी ने वहां की नागरिकता प्राप्त की है या नहीं ? रोहिणी की भारत की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84 एवं 102 के तहत रोहिणी लोक सभा चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं । अतः उनका नामांकन रद्द किया जाना चाहिए था।
याचिकाकर्ता ने ये भी आरोप लगाया है कि चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होने के अलावा रोहिणी ने अपने नामांकन पत्र के साथ दायर शपथपत्र में अनेक गलत तथ्य प्रस्तुत किए हैं। मसलन अपने घर का कोई पता सारण जिले या पटना जिले का नहीं दिया है।अपनी संपत्ति के विवरण में भी रोहिणी ने कोई पता नहीं लिखा है.रोहिणी आचार्या ने अपने नामांकन पत्र एवं शपथ पत्र में अपने सिंगापुर के घर, आय और वहां के निवासी के रूप में अपनी स्थिति को पूरी तरह से छिपा लिया है। जिसकी वजह से वो सारण में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य थीं।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि सारण के रिटर्निंग ऑफिसर ने ऐसे कई तथ्यों की जांच किए बगैर ही रोहिणी का नामांकन पत्र स्वीकृत कर लिया , जबकि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 36 के तहत उनका नामांकन स्वीकृत किए जाने से पहले जांच जरूरी थी।