World Hand Hygiene Day Special : हाथों की स्वच्छ्ता का खास ख्याल रखें, संक्रामक बीमारियों से बचें

मुकेश कुमार शर्मा

हाथों की स्वच्छता का खास ख्याल रखकर संक्रमण को फैलने से रोकने के साथ ही तमाम तरह की संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने से भी बचा जा सकता है। कोविड के समय हाथों की स्वच्छ्ता की अहमियत सभी को भलीभांति पता चल चुकी है। कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया हमारे हाथों से होते हुए मुंह के रास्ते पेट में पहुंचकर बीमारियों को जन्म देते हैं। इसके अलावा दूषित हाथों से आँख व नाक को छूने से भी संक्रामक बीमारियों की जद में आ सकते हैं। हाथों की स्वच्छता की अहमियत को समझाने के लिए ही हर साल पाँच मई को विश्व हाथ स्वच्छ्ता दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का मूल उद्देश्य वैसे तो सभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को हाथों को सही समय पर और सही तरीके से स्वच्छ रखने के प्रति जागरूक करना है लेकिन सही मायने में हाथों की स्वच्छ्ता हर उम्र और हर वर्ग के लोगों के लिए बहुत ही जरूरी है। इस दिवस पर आओ प्रण करें कि – “हाथों को रखेंगे साफ़ और बीमारियों को देंगे मात।”

विश्व हाथ स्वच्छता दिवस की इस साल की थीम है “हाथ की स्वच्छता सहित संक्रमण के रोकथाम और नियंत्रण पर नवीन व प्रभावशाली प्रशिक्षण और शिक्षा के माध्यम से स्वास्थ्य व देखभाल कर्मियों के ज्ञान व क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना।“ विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी मानना है कि कम से कम 20 सेकेण्ड तक साबुन-पानी से हाथों को अच्छी तरह से धुलकर आधे से अधिक संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है। इन बीमारियों में डायरिया (दस्त), आँतों की बीमारी, सर्दी-जुकाम, आँखों की बीमारियां आदि शामिल हैं। स्वास्थ्य कर्मी जो सीधे मरीजों के सम्पर्क में रहते हैं, उनके लिए तो अपने हाथों की स्वच्छ्ता का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है।

सवाल उठता है कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के साथ ही आम लोगों को हाथों को धुलना कब-कब जरूरी होता है तो जब भी कहीं बाहर से घर लौटें तो साबुन-पानी से अच्छी तरह हाथों को धुलकर ही घर के सामानों को छुएँ इससे आपके साथ आपके अपने भी वायरस और बैक्टीरिया से सुरक्षित बनेंगे। खांसने या छींकने के बाद, चेहरे, मुंह या आँख को छूने से पहले, बीमार व्यक्ति की देखभाल से पहले और बाद में, खाना बनाने से पहले और खाना खाने के बाद, शौच के बाद, छोटे बच्चों को गोद लेने या देखभाल करने से पहले और दूषित सतह के सम्पर्क में आने के बाद हाथों की स्वच्छ्ता का खास ख्याल रखना सभी के लिए बहुत जरूरी होता है।

सही तरीके से हाथ स्वच्छ रखने की आदत बच्चों में शुरुआत से ही डालनी चाहिए ताकि स्वास्थ्य की बेहतरी से जुड़ी यह आदत बड़े होने पर भी बनी रहे। बच्चों को सही तरीके से हाथ धुलाई का तरीका बताने के लिए सुमन के (SUMAN K) विधि के बारे में समझाया जा सकता है। इसका मतलब है- एस यानि सीधा (सामने), यू मतलब उल्टा, एम मतलब मुठ्ठी, ए यानि अंगूठा, एन मतलब नाख़ून और के मतलब कलाई। चिकित्सक भी यही बताते हैं कि पहले साबुन-पानी से सीधा हाथ फिर उल्टा हाथ धुलें फिर मुठ्ठी, अंगूठा, नाख़ून और कलाई को धुलें ताकि किसी भी तरह के वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण को रोका जा सके। विशेष परिस्थितियों में कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र का इस्तेमाल हाथों की स्वच्छ्ता के लिए किया जा सकता है जो कि कई तरह के कीटाणुओं को प्रभावी ढंग से नष्ट कर सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2009 में जब विश्व हाथ स्वच्छता दिवस की शुरुआत की थी तब उसका यही सूत्र वाक्य था कि “सेव लाइव्स : क्लीन योर हैंड्स” यानि जीवन बचाएं – अपने हाथ साफ़ करें क्योंकि हाथों की स्वच्छ्ता से न केवल बीमारियों को रोका जा सकता है बल्कि संक्रमण पर काबू पाकर लोगों की जान भी बचायी जा सकती है। इसके साथ ही इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य था – हाथों की स्वच्छ्ता की अहम भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता लाना और स्वास्थ्य देखभाल में संक्रमण पर नियन्त्रण को बढ़ावा देना। इसीलिए इसे स्वस्थ स्वास्थ्य व्यवहार में सबसे बड़ा स्थान मिला है। इसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के साथ ही हर उम्र के लोगों को हाथ धुलने का सही तरीका समझाने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएँ। स्वास्थ्य और सुरक्षा की जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाने के लिए हाथ स्वच्छ्ता की शपथ दिलाना भी कारगर हो सकता है। कार्यस्थलों, सार्वजनिक स्थलों और अस्पतालों में ऐसे पोस्टर प्रदर्शित किये जा सकते हैं, जिससे हाथों की स्वच्छ्ता की अहमियत एक नजर में समझी जा सके। स्कूली बच्चों के लिए ऐसे कार्यक्रम जरूर आयोजित किये जाएँ, जहाँ पर हाथ धुलने के सही तरीके का प्रदर्शन (डेमो) करके बताया और समझाया जा सके। इसके लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा सकता है।

(लेखक पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल-इंडिया (पीएसआई-इंडिया) के एक्जेक्युटिव डायरेक्टर हैं)

  • Related Posts

    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    चरण सिंह  वक्फ संशोधन कानून बनने के बाद देशभर में विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन हो रहा है। चाहे बिहार हो, महाराष्ट्र हो, प. बंगाल हो या फिर दिल्ली…

    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    शिक्षा या शिकारी जाल? पढ़ी-लिखी लड़कियों को क्यों नहीं सिखा पाए हम सुरक्षित होना? अजमेर की छात्राएं पढ़ी-लिखी थीं, लेकिन वे सामाजिक चुप्पियों और डिजिटल खतरों से अनजान थीं। हमें…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 5 views
     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 6 views
    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 6 views
    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 7 views
    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 6 views
    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 10 views
    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस