“महिलाओं की उम्मीद और आस”: महिला संवाद में उभर रहीं हजारों ख्वाहिशें

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 पेंशन, आवास, नौकरी जैसी मांगों के बीच सरकार से जुड़ने की बढ़ी उम्मीदें

मुजफ्फरपुर: “हज़ार ख्वाहिशें ऐसी, जिनके समाधान की जागी उम्मीद” – इसी भावना के साथ ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम जिले भर में महिलाओं की आकांक्षाओं का सशक्त मंच बनता जा रहा है।

राम कालिया देवी को पेंशन चाहिए, शारदा देवी आवास की आस लगाए बैठी हैं, और गिरजा कुंवर अपनी बेटी के नौकरी के लिए सरकार से उम्मीद लगाए बैठी हैं—ये केवल कुछ उदाहरण हैं उस लंबी कतार की, जिसमें गांव-गांव की महिलाएं अपनी बात लेकर महिला संवाद में पहुंच रही हैं।

यह कार्यक्रम जिले में प्रतिदिन 58 स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है, जहां प्रत्येक पंचायत के किसी न किसी गांव में महिलाएं खुलकर अपनी बात रख रही हैं। सरकार द्वारा योजनाओं की जानकारी फिल्मों और संवाद के माध्यम से दी जा रही है, जिससे महिलाओं में आत्मविश्वास और जागरूकता दोनों बढ़ रही है।

अब तक लाखों महिलाएं महिला संवाद से जुड़ चुकी हैं और लगभग 20,000 से अधिक आकांक्षाओं को चिन्हित कर संबंधित विभागों को त्वरित समाधान हेतु निर्देश दिए गए हैं। इस संवाद में विभिन्न विभागों के अधिकारी भी भाग ले रहे हैं, जिससे महिलाओं को पेंशन, आवास, जीविका, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार से जुड़ी योजनाओं की सीधी जानकारी मिल रही है।

महिला संवाद न केवल एक कार्यक्रम बनकर रह गया है, बल्कि यह महिलाओं के सपनों को हकीकत में बदलने की दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम बनता जा रहा है।

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