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नसबंदी के 45 महीने बाद गर्भवती हुई महिला

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 अब बिहार स्वास्थ्य विभाग से मांग रही मुआवजा

 पटना/सीतामढ़ी। बिहार के सीतामढ़ी जिले के डुमरा प्रखंड क्षेत्र की एक महिला बंध्याकरण ऑपरेशन के बाद भी गर्भवती हो गई है। यह सुनने में भले ही कुछ अटपटा लगे और एक पल के लिए यकीन न हो, पर मामला सच है। मामले का खुलासा महिला के बंध्याकरण का ऑपरेशन कराने वाली एएनएम ने किया है। परिवार के बढ़ते बोझ और बच्चों की परवरिश में आर्थिक बोझ से पूर्व से परेशान चल रही पीड़िता अब इस नई समस्या से चिंतित है। एएनएम ने मामले से डुमरा के पीएचसी प्रभारी को अवगत करा पीड़िता को सहयोग करने का आग्रह किया है।
प्रभावित महिला डुमरा प्रखंड की मिर्जापुर विशनपुर पंचायत के बनचौरी गांव की है। पीड़िता मीना देवी, नंदकिशोर राय की पत्नी है। उसे पूर्व से कई बच्चे है। पीड़िता को लगा कि महंगाई और अन्य समस्या के चलते बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और परवरिश कठिन है। परिवार का संचालन बेहतर तरीका से कर सके, इस सोच के बाद उसने डुमरा सीएचसी में 30 जनवरी 21 को बंध्याकरण का ऑपरेशन कराई थी। बताया है कि वह बंध्याकरण के बावजूद गर्भवती हो गई है।
पीड़िता मीना देवी को चक्कर आने पर शंका हुई कि वह फिर गर्भवती हो गई है। तब उसने इसकी जांच कराई, तो गर्भवती होने की पुष्टि हुई। फिर मानो उसके पैरों तले की जमीं खिसक गई। वह चिंता में पड़ गई। पूरे परिवार के लोग इस बात को लेकर स्वास्थ्य विभाग को कोसने लगे। तब वह एएनएम से मिली और इसकी जानकारी दी। एएनएम ने डुमरा पीएचसी प्रभारी को लिखित तौर पर पीड़िता की समस्या से अवगत कराया है। बहरहाल, मामले में बंध्याकरण का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर की लापरवाही उजागर हुई है। मामले में पीड़िता बतौर मुआवजा 30 हजार रुपये मिलेगा।
डुमरा पीएचसी के प्रभारी डॉ अक्षय कुमार ने बताया कि बंध्याकरण के ऑपरेशन के दौरान दो ट्यूब को बांध दिया जाता है। इस केस से लगता है कि एक ही ट्यूब बांधा गया होगा, जिससे पीड़िता के समक्ष ये समस्या उत्पन्न हुई है। इस मामले से वरीय पदाधिकारी को अवगत करा दिया गया है।