योगी के गढ़ गोरखपुर में किन समीकरणों से बिसात बिछा रही मायावती ?

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योगी के गढ़ गोरखपुर में बसपा की बिसात
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द न्यूज़ 15
गोरखपुर। विधानसभा चुनाव के चलते उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले धीमी गति से चल रही बसपा अब पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरी, बसपा द्वारा गोरखपुर की 9 सीटों पर जातीय समीकरणों के हिसाब से बिसात बिछा दी गई है। पार्टी के कोर वोटर और प्रत्याशी के वर्ग के वोटरों के अलावा सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर पार्टी अपनी जीत पक्की करने की कोशिश में जुटी है। शहर में दलित-मुस्लिम गठजोड़ पर भरोसा जताते हुए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक रखी है।
जिस तरह 2017 में बसपा ने मोदी-योगी लहर के चलते भी गोरखपुर में एक सीट झटक ली थी और चार सीटों पर दूसरे स्थान पर रहकर अपनी ताकत का एहसास कराया था। उसी तरह इस बार भी बसपा दूसरे दलों के लिए चुनौती बनकर सामने है। 26 फरवरी को पार्टी की मुखिया मायावती की रैली से पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की पूरी तैयारी है। सभी 9 सीटों पर जातीय संतुलन के साथ सोशल इंजीनियरिंग का ख्याल रखा है। पार्टी ने शहर सीट से ख्वाजा शमसुद्दीन को मैदान में उतार कर मुसलमानों को यह संदेश दे दिया है कि वही उनकी हितैषी है। शहर सीट पर दलित वोट करीब 40 हजार है जबकि मुस्लिमों की तादाद भी अच्छी खासी है। पार्टी ने यहां अपने वोट बैंक को सहेजने के लिए इसलिए भी पूरी ताकत झोंक रखी है ताकि आजाद समाज पार्टी उसमें सेंध लगाने में कामयाब न होने पाए।
बसपा की भी दूसरे दलों की तरह निषाद वोट बैंक पर नजर है। यही वजह है कि ग्रामीण से दारा निषाद व कैम्पियरगंज से चंद्रप्रकाश निषाद को प्रत्याशी बनाया है। क्षत्रिय वर्ग को लुभाने के लिए सहजनवां से सुधीर सिंह तो चिल्लूपार से राजेन्द्र सिंह पहलवान को उतारा है। चौरीचौरा से भूमिहार ब्राह्मण वीरेन्द्र पाण्डेय व पिपराइच से वैश्य वर्ग को साधने को दीपक अग्रवाल को उतारा है। खजनी से पूर्व मंत्री सदल प्रसाद के भाई विद्यासागर व बांसगांव से पूर्व जिला अध्यक्ष राम नयन आजाद को उतार कर कार्यकर्ताओं को मैसेज दिया है कि बसपा के साथ मन से जुड़े लोगों को पार्टी कभी भूलती नहीं है।
दलित मतदाताओं को बसपा अपना वोटर मानते हुए अन्य वर्ग को साधने में जुटी है। शहर में मुस्लिमों को साधने के लिए जहां प्रत्याशी के साथ ही पार्टी ने कई नेताओं को यहां लगाया है। इनका पूरा जोर घर-घर जनसंपर्क पर है।
गोरखपुर शहर की सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी बसपा मजबूती से लड़ रही है। इस सीट पर 50 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। वहीं दलित वोटर की भी अच्छी संख्या है। सोशल इंजीनियरिंग के बूते अन्य वर्ग के मतदाताओं में सेंधमारी कर पार्टी यहां अच्छा करने की कोशिश में जुटी है। गोरखपुर में कुल 4.50 लाख वोटर हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती की 26 फरवरी को चंपा देवी पार्क में मण्डलस्तरीय रैली है। पार्टी को उम्मीद है कि यह रैली पूरे मण्डल में बसपा की लहर बनाने में कारगर साबित हो सकती है। यही नहीं स्टार प्रचारक के रूप में शामिल राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी 28 फरवरी और एक मार्च को जिले के कुछ विधानसभा में जनसभा कर सकते हैं। बसपा के कई नेता पार्टी प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए गोरखपुर में डेरा डाले हैं। बसपा जिलाध्यक्ष संतोष जिज्ञासु ने बताया कि राज्यसभा सांसद डा. आशेक सिद्धार्थ, पूर्व मंत्री धर्मवीर सिंह अशोक, डा. मदनराम आदि नेता गोरखपुर में हैं। जिलाध्यक्ष ने बताया कि 26 फरवरी को चंपा देवी पार्क में आयोजित रैली के लिए युद्धस्तर पर तैयारी चल रही है। जिलाध्यक्ष के मुताबिक विधानसभा की सभी नौ सीटों पर पार्टी मजबूती से लड़ रही है।

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