जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से क्यों हटाए गए केसी त्यागी?

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 क्या इजरायल बना इस्तीफे की वजह?

संवाददाता। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बड़े नेता केसी त्यागी ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह राजीव रंजन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। केसी त्यागी ने नीतीश कुमार और जदयू के लिए हमेशा से अहम भूमिका निभाई है। पार्टी में किसी भी नेता का राज रहा हो, त्यागी हमेशा से ही मुख्य टीम का हिस्सा रहे हैं। उनके इस्तीफे के पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली में रहकर हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखना केसी त्यागी को भारी पड़ गया। सूत्रों के मुताबिक, उनके बयानों से ऐसा लग रहा था कि केंद्र और बिहार में एक होकर एनडीए सरकार चला रही जदयू और बीजेपी के विचार अलग-अलग हैं। इससे बीजेपी नाखुश थी। बीजेपी ने कई बार इशारों में अपने सहयोगी दलों से तालमेल बनाए रखने को कहा था। सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों इसी सिलसिले में पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और संजय झा ने केसी त्यागी से मुलाकात की थी और राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद छोड़ने के लिए कहा था।
हालांकि, पार्टी की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि केसी त्यागी ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। केसी त्यागी जदयू के विशेष सलाहकार भी हैं, लेकिन उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया है या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केसी त्यागी ने कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी की थी, फिर चाहे केंद्र सरकार की विदेश नीति हो, UPSC में लेटरल एंट्री, SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला। उन्होंने अपने निजी विचारों को पार्टी के विचारों की तरह पेश किया, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा।
इतना ही नहीं, बीते दिनों इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने के मुद्दे पर केसी त्यागी ने विपक्षी दलों का साथ दिया था। उन्होंने विपक्षी नेताओं के साथ एक साझा बयान पर हस्ताक्षर किए थे। इस बयान में कहा गया था कि केंद्र सरकार को इजरायल को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति पर रोक लगानी चाहिए। बयान में कहा गया था कि, ‘इजरायल द्वारा जारी यह क्रूर हमला न केवल मानवता का अपमान है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून और न्याय और शांति के सिद्धांतों का भी घोर उल्लंघन है।’

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