कांग्रेस के नेता सलमान ने खुर्शीद ऐसे ही बयान नहीं दिया है कि भारत में भी बांग्लादेश जैसा हो सकता है। क्या बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में शरण देने का रिएक्शन होने लगा है। क्या भारत में शेख हसीना को शरण देने का विरोध बड़ा रूप ले सकता है। सलमान खुर्शीद शिक्षाविद मुजीबुर्रहमान की किताब शिकवा ए हिंद द पॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ इंडियन मुस्लिम की लांचिंग पर बोल रहे थे। उधर हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी एक इंटरव्यू में कहा है कि पीएम मोदी देश को न लेकर व्यक्तिगत संबंध निभाते हैं। उन्होंने पीएम मोदी से शेख हसीना के मामले में अपना स्टैंड साफ़ करने की मांग की है कि वह शेख हसीना के साथ हैं या फिर बांग्लादेश की जनता के साथ ?
कांग्रेस की ओर से कोई बयान जारी हो और बीजेपी चुप रह जाये ऐसा हो सकता है क्या ?
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के बयान पर भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि यह दिखाता है कि कांग्रेस पार्टी की किस प्रकार की सोच है। आज मुझे याद आता है जब राहुल गांधी संसद में खड़े होकर कहते थे कि इस देश में आग लगेगी, दंगे होंगे, प्रधानमंत्री पर हमला होगा। विदेश यात्रा में भी राहुल गांधी चोरी-छिपे कई लोगों से मिलते थे। आज मालूम पड़ रहा है कि आखिर उनकी मंशा क्या थी। भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में इन दिनों सियासी उथल-पुथल मची हुई है। छात्रों के विरोध से शुरू हुआ आंदोलन अब हिंसक हो उठा है। इस हिंसा में अब तक 450 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सीमाई देश में इस तरह के हालातों पर भारत ने चिंता जाहिर की है। साथ ही सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक भी हुई थी। जिसमें तकरीबन सभी दलों ने सरकार का समर्थन किया था। वहीं अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने इस मुद्दे पर एक ऐसा बयान दे दिया है जिससे विवाद की स्थिति बन गई है। सलमान खुर्शीद ने कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है वह भारत में भी हो सकता है। उनके इस बयान पर भाजपा के कई नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है।
क्या बोले थे सलमान खुर्शीद?
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह भारत में भी हो सकता है। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री मुजीबुर रहमान की किताब शिकवा-ए-हिंद: द पॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ इंडियन मुस्लिम के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। खुर्शीद ने कहा, “कश्मीर में सब कुछ सामान्य दिख सकता है। लेकिन सच्चाई सतह के कहीं नीचे है। बांग्लादेश जुलाई से हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शनों की लहर से हिल गया था, जिसके बाद शेख हसीना को इस्तीफा देने और देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।’
बाद में सफाई भी दी
हालांकि जब इसका व्यापक तौर पर विरोध हुआ तो उन्होंने बयान पर सफाई भी दी। सलमान खुर्शीद ने कहा कि मैं जो भी कहता हूं सार्वजनिक रूप से कहता हूं, निजी तौर पर कभी नहीं।
भाजपा ने किया विरोध
सलमान खुर्शीद के इस बयान की भाजपा ने आलोचना की है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने इसे लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का कहना है कि जहां तक बांग्लादेश का सवाल है तो वह भारत सरकार के साथ खड़ी है क्योंकि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। इस पर कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए, लेकिन सलमान खुर्शीद जैसे नेता भारत के लोगों को यह कहकर भड़काने की कोशिश करते हैं कि जो हिंसा वहां हुई, वह भारत में भी हो सकती है। यह कांग्रेस पार्टी द्वारा “राष्ट्रपति” के ऊपर “राजनीति” करने का एक और उदाहरण है।
कांग्रेस पार्टी की सोच दिखा रहा खुर्शीद का बयान : संबित पात्रा
वहीं, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के बयान पर भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि यह दिखाता है कि कांग्रेस पार्टी की किस प्रकार की सोच है। आज मुझे याद आता है जब राहुल गांधी संसद में खड़े होकर कहते थे कि इस देश में आग लगेगी, दंगे होंगे, प्रधानमंत्री पर हमला होगा। विदेश यात्रा में भी राहुल गांधी चोरी-छिपे कई लोगों से मिलते थे। आज मालूम पड़ रहा है कि आखिर उनकी मंशा क्या थी। ये बहुत ही गंभीर विषय है। जब भारत में चारों तरफ इस तरह की परिस्थिति देखने को मिल रही है। कांग्रेस पार्टी जो देश का मुख्य विपक्ष है, क्या यही चाहती है? वे चुनाव में जीत नहीं पा रहे हैं जिस कारण अपनी खीज इस प्रकार की अराजकता को फैलाकर निकाल रहे हैं।
भारतीय लोकतंत्र का मजाक उड़ाने वाला बयान : तरुण चुघ
वहीं, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा, “…यह भारतीय लोकतंत्र का मजाक उड़ाने वाला बयान है। इंदिरा गांधी ने 1975 में तानाशाही की पराकाष्ठा करते हुए देश में आपातकाल लगाया था। अभी भी कांग्रेस के नेताओं के अंदर आपातकाल की आत्मा घूम रही है… बांग्लादेश में मंदिर तोड़ना, हिंदूओं को मारना, विपक्षी नेताओं को चुन-चुन कर मारना, इस पर कांग्रेस के लोग तालियां बजा रहे हैं? किस बात की खुशी हो रही है? ये सोच ही दुर्भाग्यपूर्ण है।”