तेजस्वी यादव के अटैक पर जवाब देने से क्यों कन्नी काट गए नीतीश?

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 बिहार की राजनीति में गॉसिप का नया टॉपिक!

दीपक कुमार तिवारी

पटना(बिहार)। पिछले कुछ दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मीडिया से दूरी बनाते दिख रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को श्रद्धांजलि देने के मौके पर भी उन्होंने पत्रकारों के सवालों को अनसुना कर दिया। तेजस्वी यादव के बिहार सरकार पर हमले और अमित शाह द्वारा सरकार चलाने के आरोपों के बीच, नीतीश कुमार की चुप्पी चर्चा का विषय बन गई है। प्रगति यात्रा के दौरान भी वे पत्रकारों से बातचीत नहीं कर रहे हैं।
पटना में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। मौके पर मौजूद पत्रकारों ने उनसे बातचीत करने की कोशिश की। पत्रकारों ने कहा, ‘सर, आज मुफीद वक्त है। कुछ तो बोलिए।’ लेकिन नीतीश कुमार ने राज्यपाल और डिप्टी सीएम की तरफ इशारा करते हुए बिना कुछ बोले आगे बढ़ गए।
तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार सरकार असल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चला रहे हैं। जब इस बारे में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा से पूछा गया तो उन्होंने तेजस्वी यादव पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘उसकी भाषा.. नेता प्रतिपक्ष का एजेंडा और भाषा पर हम लोग वक्तव्य नहीं देते हैं, जो बिहार को बर्बाद किया, जो बिहार को जंगल राज का स्वरूप में गुंडाराज में तब्दील किया। बिहार के अंदर एक फ्रॉडिज्म की राजनीति की शुरुआत की है। श्रीमान लालू प्रसाद यादव बिहार के बर्बादी का सबसे बड़े नायक हैं। आज श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को सुशासन स्थापित करने के लिए भेजा है। लड़ाई सुशासन और कुशासन का है। लड़ाई शराफत और शैतान का है। बिहार को गिरवी नहीं रखी जा सकता। अराजकता उत्पन्न करने वाले लोगों के हाथ में बिहार के अंदर फ्रॉडिज्म की राजनीति कतई नहीं चलेगी। यहां की धरती पर चाणक्य पैदा हुए हैं और नकली चंद्रगुप्त सत्ता में लालू प्रसाद यादव जैसे लोग आकर बिहार को बर्बाद किया है। अब वो कतई नहीं होगा।
हालांकि, नीतीश कुमार की चुप्पी इस पूरे घटनाक्रम को और रहस्यमय बना रही है। दरअसल, पटना में तेजस्वी से पत्रकारों ने पूछा था कि नीतीश कुमार की नाराजगी सामने आ रही है। कई जो बीजेपी के बड़े लीडर हैं वो…। बिना सवाल पूरा हुए ही तेजस्वी ने जवाब देना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि अब यहां सीएम जो हैं पूरी तरीके से भाजपा जो है, उनको चला दी है। यहां का जो सीएमओ है वो उसका कंट्रोल जो है, भाजपा के नेताओं के पास है और जो इनके कुछ चार जो नेता हैं, दो दिल्ली में चले गए हैं। दो यहां हैं, वो भाजपा के संपर्क में हैं तो पूरी तरीके से कंट्रोल जो है अब अमित शाह जो हैं कर रहे हैं।
तेजस्वी के इसी बयान से बिहार में सियासी पारा हाई है। मगर, सवाल ये उठता है कि नीतीश कुमार मीडिया से दूरी क्यों बना रहे हैं? क्या यह तेजस्वी यादव के आरोपों से जुड़ा है? या फिर कोई और कारण है? यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। नीतीश कुमार अपनी यात्रा के दौरान भी मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं, जिससे कयासों का बाजार गर्म है। देखना होगा कि मुख्यमंत्री अपनी इस चुप्पी को कब तक बनाए रखेंगे।

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