जिस तरह से छह युवाओं ने संसद में हुड़दंग मचाया उसने न केवल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी, बल्कि इस मामले से युवाओं के भ्रमित होने की बात भी सामने आई है। ये युवा भगत सिंह फैंस क्लब से जुड़े हैं और उनके क्रांतिकारी विचारों से प्रभावित बताये जा रहे हैं। संसद में भी जिस तरह से उन्होंने पीला धुआं छोड़ा और किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया उसके आधार पर कहा जा सकता है कि यह विरोध प्रतीकात्मक था।
युवाओं ने भगत सिंह से दिल्ली असेंबली में बम फोड़ने की घटना को भी इंगित किया। जिस तरह से मैसूर का मनोरंजन बीई होने के बावजूद खेती कर रहा है, जिस तरह से नीलम आजाद सिविल सर्विस की तैयारी कर रही है। जिस तरह से अमोल शिंदे एक किसान का बेटा है। और इन युवाओं ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया उसके आधार पर कहा जा सकता है कि ये युवा बेरोजगार होने की वजह से दिग्भ्रमित हुए। मतलब यदि इन्हें रोजगार मिल जाता तो शायद इस तरह का कदम न उठाते।
दरअसल संसद की सुरक्षा में बुधवार को हुई सेंधमारी की घटना में शामिल छह में से पांच आरोपियों को पकड़ लिया गया है। 6 लोगों के साजिश रचने की बात सामने आ रही है। संसद में सेंधमारी करने वाले ये छह लोग डेढ़ साल से एक-दूसरे को जानते थे। सोशल मीडिया के जरिए ये एक-दूसरे से कनेक्टेड थे। संसद आने से पहले उन्होंने रेकी की थी। जो बाते सामने आई हैं उसके अनुसार सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम वरमाहस, ललित झा और विशाल ने इस घटना की प्लानिंग की थी। दिलचस्प यह है कि सभी आरोपी देश के अलग-अलग कोने से हैं। रिक्शा ड्राइवर से लेकर इंजीनियर तक इस साजिश में शामिल हैं।
12वीं तक पढ़ा है अमोल शिंदे
अमोल शिंदे का परिवार मुंबई के पास लातूर जिले के जारी बुद्रुक में रहता है। उसके माता-पिता खेती करते हैं और उन्हें बुधवार की घटना के बारे में तब पता चला जब पुलिस उनके घर पहुंची। अमोल ने 12वीं तक की पढ़ाई की है और फिलहाल बेरोजगार है। वह सेना में भर्ती होना चाहता था और बीते शनिवार को वह यह कहकर घर से निकला था कि दिल्ली पुलिस भर्ती के लिए जा रहा है। उसके माता पिता ने बताया कि तभी से उसका फोन स्विच ऑफ था। अमोल के घरवालों का कहना है कि नौकरी न होने की वजह से वह काफी परेशान रहता था। गांव वालों ने भी बताया कि अमोल अनुसूचित जाति से है और उसके परिवार को सरकार की हाउसिंग स्कीम के तहत एक छोटा सा घर अलॉट है और अमोल का बड़ा भाई शहरों में चिनाई का काम करता है।
HTET क्वालिफाई है आरोपी नीलम आज़ाद
नीलम आज़ाद किसान आंदोलन, महिला रेसलरों के प्रोटेस्ट समेत विभिन्न विरोध प्रदर्शनों में भी शामिल रही हैं। नीलम ओबीसी कैटेगरी से है और उसको क्रांतिकारी लड़की के नाम से भी जाना जाता है। HTET टेस्ट की मान्यता सात साल के लिए होती है। यानी अगर कोई यह परीक्षा पास कर लेता है तो उसके पास टीचर बनने के लिए सात साल का समय होता है और नीलम के HTET की मान्यता इस साल खत्म हो रही है और उसकी उम्र 37 साल है। उसके परिवार का कहना है कि नीलम ने उन्हें नहीं बताया कि वह दिल्ली में है।
रिक्शा चलाता है आरोपी सागर शर्मा
तीसरा आरोपी सागर शर्मा रिक्शा ड्राइवर है और फ्रीडम फाइटर भगत सिंह एवं क्यूबा के चर्चित मंत्री चे ग्वेरा का फैन है। अपने सोशल मीडिया पर वह इन दोनों शख्सियतों के कोट्स पोस्ट करता रहता है। सागर की उम्र 28 साल है, कल वह संसद में विजिटर्स गैलरी से सदन में कूद गया और फिर पीले रंग का धुआं उड़ाया। वह लखनऊ के रामनगर के आलमबाग का रहने वाला है। परिवार का कहना है कि वह यह बोलकर घर से निकला था कि दिल्ली प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने जा रहा है। सागर की मां का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि कैसे बेटे को संसद का पास मिला। उनका कहना है कि सागर ने किसी गलत मकसद से ऐसा नहीं किया है. उसने दसवीं तक पढ़ाई की है और 2018 में वह बेंगलुरु में आटे की मिल में काम करता था, लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के दौरान वापस लौट आया और अब यहां ई-रिक्शा चलाता है।
इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है आरोपी मनोरंजन डी
कर्नाटक के मैसूर में रहने वाला मनोरंजन डी कंप्यूटर साइंस में इंजीनियर ग्रेजुएट है। संसद में धुआं फैलाने के लिए केन मनोरंजन ने ही खोला था। मनोरंजन के घर वालों का कहना है कि वह किताबों और घूमने का शौकीन है और उसका दिल बहुत अच्छा है। उन्होंने बताया कि मनोरंजन ने अपनी इच्छा से नौकरी नहीं की क्योंकि वह समाज के लिए काम करना चाहता था। कुछ समय के लिए उसने अपनी फैमिली बिजनेस के लिए काम किया था। स्थानीय पुलिस ने कहा कि हो सकता है कि फेसबुक पर भगत सिंह फैन पेज की वजह से वह इस साजिश का हिस्सा बना हो और इसलिए मैसूर से दिल्ली इस साजिश में शामिल होने के लिए चला गया। मनोरंजन ने सेंट स्टीफन कॉलेज और मरिमल्लप्पा हाई स्कूल से स्कूल की पढ़ाई की और बेंगुलुरु इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।