राहुल और पप्पू यादव की सेटिंग में कौन बन रहा दीवार?

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 होटल-कमरा-पोस्टर की पूरी कहानी

दीपक कुमार तिवारी

पटना। तमाम कोशिशों के बावजूद निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की मुलाकात राहुल गांधी से नहीं हो पाई। इन सबके बीच होटल, कमरा और पोस्टर की कहानी बड़ा ही दिलचस्प है। मगर, सवाल उठता है कि राहुल गांधी के साथ पप्पू यादव की ‘सेटिंग’ को कौन बिगाड़ रहा है? इस मिलन का असली ‘विलेन’ कौन है? पप्पू यादव को पता था कि राहुल गांधी थोड़ी देर के लिए ही सही मौर्या होटल में होटल में रिफ्रेश होने के लिए आएंगे, लिहाजा उन्होंने पूरी तैयारी की थी। मगर, राहुल के आने से कुछ ही देर पहले वो वहां से निकल गए। आखिर, पप्पू यादव के पास कौन ये मैसेज भेजवाया की राहुल से मुलाकात संभव नहीं है, इसलिए वहां रहना बेकार है। गर्दनीबाग में बीपीएससी अभ्यर्थियों के धरनास्थल से जैसी राहुल गांधी निकले, उसके तुरंत बाद पप्पू यादव पहुंचे। राहुल और पप्पू यादव के बीच टाइमिंग का ‘संयोग और प्रयोग’ किसके इशारे पर हुआ?
दरअसल, पप्पू यादव को बड़ी ख्वाहिश थी कि वो बिहार में राहुल गांधी का अपने हाथों से स्वागत करें। पटना में इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत भी की थी। ऐसी बात भी नहीं कि पप्पू यादव चाह दें तो राहुल गांधी से उनकी मुलाकात इतनी मुश्किल है। संसद भवन और झारखंड चुनाव में उनकी राहुल गांधी से अच्छी मुलाकात हुई। झारखंड में तो चुनाव प्रचार के दौरान दोनों ने मंच भी साझा किया। मगर, पटना में राहुल को स्वागत करने की ख्वाहिश पप्पू यादव पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
वैसे, पप्पू यादव ने अपने स्तर से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। पटना दौरे पर शनिवार को आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की स्वागत के लिए पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एयरपोर्ट, इनकम टैक्स गोलंबर और सदाकत आश्रम तक में अपने समर्थकों को जमावड़ा लगवाया था। बताया जा रहा है कि इन तीनों जगहों पर 100-150 तक नारा लगाने के लिए समर्थकों को लगाया गया था। इसका असर भी दिखा राहुल-पप्पू जिंदाबाद के नारे भी तीनों जगहों पर खूब लगे। पटना एयरपोर्ट पर वेलकम पोस्टर भी लगे थे। बेली रोड पर एक तरफ राहुल गांधी और दूसरी तरफ पप्पू यादव के बड़े-बड़े कटआउट भी लगवाए गए। मगर, बात मिलन तक नहीं पहुंच पाई।
पटना में राहुल गांधी और पप्पू यादव की मुलाकात नहीं हो पाई। इसके उलट राहुल गांधी ने लालू यादव के घर जाकर उनका गोशाला तक देख लिया। जब तक राहुल गांधी पटना में रहे बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह साए की तरह उनके साथ मौजूद रहे। दरअसल, ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में हिस्सा लेने आए राहुल गांधी पटना एयरपोर्ट से सीधे मौर्या होटल आए। होटल के गेट पर अचानक तेजस्वी यादव आ गए। महज कुछ सेकेंडों की मुलाकात में दोनों ने एक-दूसरे का हाल पूछा। इसी दरम्यान राहुल गांधी को तेजस्वी यादव ने 5 मिनट के लिए ही सही, राबड़ी आवास (यहीं लालू परिवार रहता है) पर आने के लिए मना लिया।
राहुल गांधी की औपचारिक हामी के बाद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह को इशारा कर दिया गया कि राहुल जी को लेकर आना है। गर्दनीबाग में बीपीएससी अभ्यर्थियों से मिलने के बाद राहुल गांधी सीधे राबड़ी आवास पहुंचे। राहुल की स्वागत के लिए लालू परिवार मुस्तैदी से जुटा रहा। लालू यादव ने हरा चना और चूड़ा राहुल को खिलाया। अपना गोशाला भी दिखाया। राहुल गांधी ने बछड़ों को प्यार से सहलाया और राबड़ी आवास के मंदिर की घंटी भी बजाई।
राहुल गांधी से पप्पू यादव की बिहार में मुलाकात नहीं होने की पीछे की वजह लोकसभा चुनाव है। लोकसभा चुनाव से पहले पप्पू यादव चाहते थे कि उनको इंडिया एलायंस (महागठबंधन) स्वीकार कर ले। इसके लिए उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले मार्च 2024 में लालू यादव से मुलाकात की। बताया जाता है कि अपनी पार्टी (जन अधिकार पार्टी) का विलय आरजेडी में कराने पर डील फाइनल हो गई थी। मगर, अगले दिन वो दिल्ली जाकर अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में करा दिए। कहा जाता है कि इसके चलते पप्पू यादव को लेकर लालू यादव चिढ़ गए। जब लालू यादव चिढ़ गए तो लालू स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स के प्रोडक्ट बिहार कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष अखिलेश सिंह मुस्तैद हो गए। इसका नतीजा रहा कि पप्पू यादव को पूर्णिया से कांग्रेस का टिकट तक नहीं मिला। उनकी किस्मत अच्छी रही कि वो निर्दलीय जीतने में कामयाब रहे।
सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा हमेशा रहती है कि लालू यादव का एक ही सपना है कि जीते जी अपने बेटे तेजस्वी यादव को सीएम की कुर्सी पर बैठा दें। इसके लिए जरूरी है कि बिहार में कांग्रेस ‘मुट्ठी’ में रहे। इसलिए बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा, पार्टी से ज्यादा चिंता लालू यादव करते हैं। कांग्रेस आलाकमान को भी पता है कि लालू यादव की चाहत में दिल्ली की गद्दी शुमार नहीं है। लिहाजा, दोनों की सपनों में कोई टकराहट नहीं है। ऐसे में पप्पू यादव और कन्हैया कुमार जैसे लोग छटपटाने को मजबूर होते रहेंगे।

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