द न्यूज 15
नई दिल्ली / लखनऊ। तो क्या कांग्रेस भी पलटी मार गई है। सहारा इंंडिया और पर्ल्स ग्रुप पर गरीबों का पैसा हड़पने का आरोप लगाते ४ जनवरी को उत्तर प्रदेश के हर जिला मुख्यालय का प्रदर्शन करने का जो ऐलान किया वह कहीं नहीं दिखाई दे रहा है। लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के आंदोलन के ऐलान के बाद प्रदेश के कई जिलाध्यक्षों ने भी प्रदर्शन का दंभ भरा था। जब जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हों और कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हर जिले में प्रदर्शन का ऐलान करता है। तो आज कम कम सोशल मीडिया पर तो यह आंदोलन दिखाई देना चाहिए था। क्या आह्वान में जान नहीं थी या फिर कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी की तरह पलटी मार गई है। इक्का-दुक्का खबरों को छोड़ दें तो कांग्रेस का प्रदर्शन प्रदेश में कहीं नहीं दिखाई दिया।
दरअसल राजनीतिक संगठन निजी कंपनियों के खिलाफ आंदोलन करने से बचती हैं। विशेषकर यदि कंपनी का कोई मीडिया हाउस हो तो। हाल ही में 2 जनवरी को जब लखनऊ में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की रैली की तो बाकायदा पोस्टर जारी कर सहारा के पीड़ित निवेशकों से अपील की थी कि वे उनकी रैली में पधारें आम आदमी पार्टी उनकी आवाज उठाएगी। पर रैली में आम आदमी पार्टी के किसी नेता ने यह मुद्दा नहीं उठाया, जबकि आप के उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने बाकायदा सहारा निवेशकों की आवाज बनने की बात कही थी। जैसे आम आदमी पार्टी अपनी बात के मुकर गई ऐसे ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने सहारा इंडिया के खिलाफ मोर्चा खोलने का जो दम भरा था वह भी खोखला साबित हुआ। ऐसे में जिन निवेशकों ने कांग्रेस से कुछ उम्मीद लगाई थी वे अपने को ठगे महसूस कर रहे हैं।
दरअसल कल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने लखनऊ में पत्रकार वार्ता कर योगी सरकार पर सहारा इंडिया कंपनी को बचाने का आरोप लगाते हुये आज हर जिला मुख्यालय पर आंदोलन करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में सहारा इंडिया की दो कंपनियां हैं, जिनमें गांव-गांव तक हर शहर के प्रत्येक मुहल्ले तक में रहने वाले गरीब, मध्यम वर्गीय परिवारों ने अपने खून-पसीने की कमाई जमा कर रखी है। समयावधि पूरी होने वा जरूरत पड़ने पर पब्लिक खुद का रूपया मांग रही है तो सहारा कंपनी किसी को वापस नहीं कर रही है। उनक कहना था कि गरीबों के साथ हो रही खुली लूट के खिलाफ कांग्रेस चुप नही बैठेगी। पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में श्री लल्लू ने बीजेपी सरकार के साथ ही सपा और बसपा जैसे विपक्षी दलों से भी सहारा मामले पर अपना पक्ष स्पष्ट करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि सहारा इंडिया ग्रुप में छोटे-छोटे दुकानदार, रेहड़ी, ठेला-पटरी चलाने वाले गरीब, मध्यम वर्गीय मजदूर, महिलाएं, घरेलू काम करने वाली महिलाओं ने किस्तों में 10 रुपये से लेकर सैकड़ों रुपये तक का आरडी खाता खुलवाया था। फिक्स डिपॉजिट भी किया मगर मियाद पूरी होने के बावजूद उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा था कि सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल स्टेट कॉपोर्रेशन और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कॉपोर्रेशन लिमिटेड के जरिये 2.25 करोड़ निवेशकों से करीब 24 हजार करोड़ रुपये जुटाये। आखिर इन कंपनियों से योगी सरकार पैसा वसूलकर गरीबों को क्यों नहीं दे रही है।