
चरण सिंह
बीजेपी ने यदि हिन्दू मुस्लिम का यह रवैया नहीं बदला तो देश तो गर्त में जाएगा ही साथ ही बीजेपी भी हाशिए पर आ जाएगी। क्या इन लोगों के दिमाग में हिन्दू-मुस्लिम इतना घर कर गया है कि जिस देश की बेटी का परिवार तीन पीढ़ियों से बॉर्डर पर देश की रक्षा कर रहा है। जिस बेटी ने ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व कर आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त किये। आतंकियों को मार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए। उस बेटी को बीजेपी का मंत्री आतंकियों की बहन बता रहा है। निश्चित रूप से एक मंत्री को लेकर पूरी पार्टी को ऐसा करार नहीं दिया जा सकता है पर यदि मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई पार्टी न करे तो फिर तो बात पूरी पार्टी पर ही आती है न। यदि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेना पड़ रहा है तो फिर मोहन सरकार क्या कर रही थी ?
देखने की बात यह है कि जो पार्टी सरकार के खिलाफ बोलने को देशद्रोह मानने लगे, सरकार का विरोध करने को सेना का विरोध करने की बात करने लगे। वह पार्टी अपने उस मंत्री को बचाने में लगी है जो कर्नल सोफिया कुरैशी को अपमानित कर रहा है। दिलचस्प बात यह है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एफआईआर दर्ज करने के आदेश के बावजूद मध्य प्रदेश की सरकार अपने मंत्री को बचाने में लगी है। हलकी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मंत्री के बचने का रास्ता खोल रही है। पहला प्रश्न तो यह है कि आखिर हाई कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज करने के आदेश क्यों देने पड़े ? मोहन यादव सरकार ने अपने मंत्री पर कार्रवाई क्यों नहीं की ? दूसरा मंत्री को बचाने का प्रयास क्यों किया जा रहा है ?
इस मंत्री को भी देखिये कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें जमकर फटकार लगाई। साथ ही हाई कोर्ट ने मोहन यादव सरकार को भी मंत्री को बचाने का प्रयास करने पर डांट पिलाई। सेना को लेकर सबसे अधिक देशभक्ति बीजेपी ही दिखाती है। पिछले हफ्ते जो कर्नल सोफिया ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की जानकारी भारत की ओर से न केवल देश बल्कि विदेश को भी दे रही थीं।
ऑपरेशन को लीड कर रही थीं। उन कर्नल सोफिया को बीजेपी के मंत्री ने आतंकियों की बहन बोल दिया। इस समय यह प्रश्न बड़ी तेजी से उभर कर आया है कि आखिर इस मंत्री के बयान पर बीजेपी की देशभक्ति क्यों नहीं उभर कर सामने आ रही है। अब कहां गई बीजेपी नेतृत्व की देशभक्ति ? अब तो कोर्ट ने भी संज्ञान ले लिया।
बीजेपी पर अपने दागी नेताओं को बचाने का आरोप लगता रहा है। चाहे कुलदीप सेंगर हो, बृजभूषण शरण सिंह और या फिर अब विजय शाह बीजेपी अपने नेताओं को बचाने में लग जाती है। हां यही बात कोई मुसलमान नेता किसी हिन्दू सेना की अफसर को लेकर ऐसे बोल देता तो बीजेपी पूरा देश सिर पर उठा लेती। देशद्रोहों का मुकदमा दर्ज कर जेल में डाल देती। किसी दूसरी पार्टी का हिन्दू नेता भी होता तो तब भी यही सलूक उसके साथ करती।
दिलचस्प बात यह है कि इस तरह के बयान से लोगों पर भी कुछ खास असर नहीं पड़ता। क्योंकि मीडिया और दूसरी संस्थाओं के माध्यम से बीजेपी ने देश में ऐसा माहौल बना दिया है कि जमीनी मुद्दे गायब हैं, जाति और धर्म के मुद्दे हावी हैं। विपक्ष भी इस मामले में पीछे नहीं है। आज के युवा को अपने भविष्य की चिंता नहीं है। लोग भी यह समझने को तैयार नहीं कि इस माहौल में आने वाली पीढ़ी का क्या होगा ? मध्यम वर्ग के सामने बड़ी दिक्कत आने वाली है। जानकारी यह मिल रही कि मध्यम वर्ग की आय इन सालों में घट है और खर्च बढ़ा है। लोगों को यह समझना होगा कि हर जाति धर्म में हर तरह के लोग होते हैं। अच्छे भी और बुरे भी।