भाजपा के मजबूत किले में क्या होगी सेंधमारी?

बात करे पीलीभीत विधानसभा कि तो 1980 में उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी जनता पार्टी की सरकार के बाद देश ने दोबारा कांग्रेस को सत्ता दे दी थी । इसके बाद अगला चुनाव जब हुआ तब देश के पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद शोक की लहर में डूबा हुआ था। ये दोनों चुनाव कांग्रेस की राजनीति के बेहद अहम पड़ावों में से हैं। ये दोनों चुनाव और उसके बाद की तस्वीर कांग्रेस के लिए देश और यूपी की राजनीति में बिल्कुल अलग हो जाती है। उत्तर प्रदेश की तमाम सीटें, जिन्हें कांग्रेस ने आखिरी बार 1984 में जीती थी, उनमें से एक है पीलीभीत। इस सीट पर बीते तीन दशकों से मां और बेटे का ही जादू जनता के सिर चढ़कर बोल रहा है। हालांकि इस चुनाव में क्या होगा, इसको लेकर काफी उहापोह है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के इस मजबूत किले में सेंधमारी होगी?मौत से पहले इंदिरा गांधी के उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके बेटे संजय की पत्नी मेनका गांधी ने जब इंदिरा की मौत के बाद राजनीति में कदम रखा तो उन्होंने अपने पति की सीट चुनी थी, अमेठी। साल था 1984। संजय के बड़े भाई, यानी राजीव गांधी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में थे। मेनका “निर्दलीय उम्मीदवार थीं। 1984 के चुनावों में कई दिग्गजों के साथ जो हुआ, मेनका उससे अछूती नहीं थीं। वह चुनाव हार गईं। इसके बाद उन्होंने राजनीति के लिए अपना नया ठिकाना बनाया पीलीभीत को। वह 1989 के लोकसभा चुनावों में जनता दल के टिकट पर यहां से अपनी किस्मत आजमाने आईं।मेनका गांधी को जनता ने चुनकर पहली बार लोकसभा भेजा। 1991 में वह इस सीट से भाजपा उम्मीदवार से चुनाव हारीं लेकिन इसके बाद इसे अपने और अपने बेटे के लिए अभेद्य किले में तब्दील कर दिया। 1996 में वह जनता दल के टिकट पर जीतीं और फिर 1998 और 1999 के चुनावों में निर्दल प्रत्याशी के तौर पर। 1996 से लेकर अबतक सात चुनावों में इस सीट पर मां और बेटे वरुण का ही कब्जा रहा है। फिलहाल वरुण इस सीट से सांसद हैं। लेकिन इस बार तस्वीर बदलते हुई नज़र आ रही है ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार पीलीभीत में कुछ बड़ा खेला कर सकती है और वरुण गांधी का टिकट काट सकती है पर इसका परिणाम बीजेपी वालों को देखना पड़ सकता है क्योंकी पिछले काफी समय से इस सीट पर वरुण गाँधी और उनकी माँ से यहां के लोगों से उनका जुड़ाव भी देखने को मिला है जिसकी वजह से बीजेपी को बड़ा नुक्सान देखना पड़ सकता है और ऐसी उम्मीद भी कि जा रही थी कि वरुण गांधी को सपा से टिकट मिल सकता है पर उस पर भी विराम लग गया। अब देखना ये होगा कि आने वाले समय में क्या फैसला होगा।

  • Related Posts

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा, थामेंगे उम्मीदों का दामन

    • मधुबनी में पंचायती राज दिवस पर 13,480 करोड़ की विकास परियोजनाओं की देंगे सौगात • ‘अमृत भारत’ और ‘नमो भारत’ रैपिड रेल को दिखाएंगे हरी झंडी • बिहार में…

    पंचायत स्तर पर मनाया पार्टी का स्थापना दिवस एवं लेनिन जयंती

    मुजफ्फरपुर/बन्दरा। भाकपा-माले द्वारा बंदरा प्रखंड के सिमरा और नूनफरा पंचायतों में पार्टी का 56वां स्थापना दिवस और कामरेड लेनिन की 155वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    एडीजीपी डॉ. एम. रवि किरण ने संभाला, करनाल मण्डल, करनाल का कार्यभार

    • By TN15
    • April 24, 2025
    • 9 views
    एडीजीपी डॉ. एम. रवि किरण ने संभाला, करनाल मण्डल, करनाल का कार्यभार

    सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने शहीद विनय नरवाल के घर पहुँच दी श्रद्धांजलि, परिवारजनों से मिलकर दु:ख साझा किया

    • By TN15
    • April 24, 2025
    • 6 views
    सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने शहीद विनय नरवाल के घर पहुँच दी श्रद्धांजलि, परिवारजनों से मिलकर दु:ख साझा किया

    संस्कृत हमारी पहचान है – प्रो. नचिकेता सिंह

    • By TN15
    • April 24, 2025
    • 7 views
    संस्कृत हमारी पहचान है – प्रो. नचिकेता सिंह

    सांसद ने दिया भगवान परशुराम जन्मोत्सव का न्यौता

    • By TN15
    • April 24, 2025
    • 6 views
    सांसद ने दिया भगवान परशुराम जन्मोत्सव का न्यौता