क्या है झारखंड कैशकांड ? जानें पूरा मामला

राची में प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के नौकर के यहां छापेमारी के बाद भारी संख्या में कैश बरामद किया है. शुरुआती जानकारी के अनुसार, नौकर के यहां से ईडी को करीब 20-30 करोड़ रुपये कैश मिला है. मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के दौरान आलमगीर आलम का सामने आया था.

ईडी को जानकारी मिली थी कि आलमगीर आलम के मंत्रालय में भ्रष्टाचार चल रहा था और ये पैसा नौकरों के घर पर जा रहा था. उसके बाद मंत्री के निजी सचिव के नौकर के यहां छापेमारी की गई. जब ईडी के अधिकारी वहां पहुंचे तो उन्हें इसका अंदाजा नहीं था कि जिस शख्स को सैलरी के रूप में 15 हजार रुपये मिलते हों, उसके घर से इतना कैश बरामद होगा. हालांकि अब अधिकारियों ने नोट गिनने वाली मशीन और कर्मचारियों को बुलाया है.

ईडी ने बीते साल मई महीने में चीफ इंजीनियर के यहां 10 हजार रुपये की रिश्वत के मामले में छापेमारी की थी. इस दौरान उनका बयान दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि मिनिस्टर के यहां रिश्वत का पैसा पहुंचाया जाता है. उसके बाद झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का नाम पहली बार सामने आया था. इस जांच के दौरान ही आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल का नाम सामने आया और अब संजीव लाल के घर में काम करने वाले नौकर के यहां ये कैश बरामद हुआ है.

वही बात करें आलमगीर आलम की तो यह पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के चार बार विधायक रहे हैं और अभी झारखंड सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री है. इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे. आलमगीर ने सरपंच का चुनाव जीतकर राजनीतिक पारी शुरू की थी. साल 2000 में पहली बार वह विधायक बने और तब से लेकर अभी तक 4 बार विधायक बन चुके हैं.

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *