दिल्ली में केजरीवाल आखिर चाहते क्या हैं ?

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चरण सिंह 

 

दिल्ली रामलीला मैदान में जिस तरह से मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने केजरीवाल की 6 गारंटी मंच से गिनाई। उनको सुनकर कहा जा सकता है कि ये सभी गारंटी केजरीवाल को पीएम के चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया गया। कांग्रेस इस सन्देश को सुनकर अपना को ठगा महसूस कर रही है। आप ने यह रैली केजरीवाल को हीरो बनाने के लिए रखी थी, जबकि इंडिया गठबंधन के दल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शक्ति प्रदर्शन मान चल रहे थे।

वैसे भी दिल्ली रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन की रैली और मेरठ में पीएम मोदी की रैली थी। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या इंडिया गठबंधन की रैली विपक्ष का वजूद को बचाने को लेकर थी ?
ऐसे में यह प्रश्न जरूर उठेगा कि सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति क्या लोगों में गुस्सा नहीं है क्या ? होगा भी कैसे सब कुछ फ्री जो कर रखा है।
दरअसल विपक्ष इतना लापरवाह है कि उसे पता नहीं किस चीज के नशे में डूबा है। उसे यह समझ में नहीं आ रहा है कि बीजेपी ने अपने सारे तरकश के तीर का इस्तेमाल इस चुनाव में करना है। हर हाल में 400 के पार सांसद उसे चाहिए । देखने की जरूरत यह है कि विपक्ष इतना लापरवाह और स्वार्थी है कि उसे इससे कोई मतलब नहीं पड़ता कि ऊसके इस रवैये का देश और समाज पर कितना दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
देखने में आता है कि हर आदमी अपनी जिंदगी में अपने और अपने परिवार के बारे में सोचता है । ऐसे में प्रश्न उठता है कि हर आदमी को जब मरना ही है तो फिर यह मारी मारी क्यों ?
यदि मनुष्य का जीवन मिला है तो फिर देश और समाज के लिए कुछ करके जाओ ।
हम लोग अपने स्वार्थ से आगे नहीं बढ़ रहे हैं।  यदि कोई बुरे वक्त में मदद करे तो स्पोर्ट के लिए धन्यवाद बोलते हुए व्यवस्था से लड़ना चहियव।
हां इस क्षेत्र के लोगों से यह जरूर कहना चहितव कि उनके पास क्या है ?
यह तो समझना होगा कि है किसी की जिंदगी में सब कुछ है  और किसी की जिंदगी में कुछ नहीं। आगे बढिए और अपना राजनीतिक वजूद बनाइये।
इस समय सत्ता पक्ष को जनता की भावनाओं को समझने की जरूरत है तो विपक को हालात को समझते हुए अपनी जिम्मेदारी समझने की जरूरत है।

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