वोट फॉर नोट केस में सोमवार को आए बड़े फैसले के वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैसे लेकर सवाल करना तो जहर जैसा है। यह चीज तो कैंसर सरीखी बीमारी के समान है। इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए, यह बात टॉप कोर्ट के फैसले के बाद एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने बताई।
अश्विनी उपाध्याय के अनुसार सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ ने कहा कि अगर कोई सांसद राज्यसभा चुनाव में सवाल पूछने या वोट देने के लिए पैसे लेता है तो वे अभियोजन से छूट का दावा नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वोट देने के लिए पैसे लेना या प्रश्न पूछना भारतीय संसदीय लोकतंत्र की कार्यप्रणाली को नष्ट कर देगा।