प्रचार करने पहुंचे भाजपा विधायक को ग्रामीणों ने खदेड़ा 

द न्यूज 15 
लखनऊ/मुजफ्फरनगर। एक साल तक चले तीन कृषि कानून विरोधी आंदोलन के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए कठिन चुनौती बनी हुई है। किसान बहुल क्षेत्र पश्चिमी यूपी में भाजपा के एक प्रत्याशी के साथ स्थानीय लोगों ने कुछ ऐसा बर्ताव किया कि उन्हें वहां से वापस लौटना पड़ा। बुधवार को मुजफ्फरनगर के खतौली विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार विक्रम सैनी क्षेत्र के मुनव्वरपुर गांव में अपनी बिरादरी की एक बैठक में पहुंचे थे। इस दौरान वहां मौजूद कई लोगों ने उन्हें वहां से जाने को विवश कर दिया।
इस घटना काे कई लोगों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। इसके बाद यह मीडिया में चर्चा का विषय बन गया। वीडियो में उनको वापस लौटते हुए साफ देखा जा सकता है। वीडियो में भीड़ गुस्साई हुई नजर आ रही है और बार-बार एक बात कह रही है कि विधायक जी इस बार ‘विधायक’ बनकर दिखा दो तो जानें। ग्रामीण विक्रम सैनी को घेर लिए थे, जिसके बाद उन्हें बॉडीगार्ड वहां से निकालकर गाड़ी में ले जाता है और फिर वो वहां से चले जाते हैं।
हालांकि भाजपा प्रत्याशी विक्रम सैनी का कहना है कि यह कोई खास बात नहीं है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वहां दो लड़के शराब पीकर नशे की हालत उपद्रव कर रहे थे, वही लोग उन्हें देखकर वापस जाओ कहने लगे। बाकी पूरा गांव हमारे समर्थन में है। विरोध के बाद विक्रम सैनी ग्रामीणों को हाथ जोड़कर लौट गए।
किसान आंदोलन में ज्यादातर पश्चिम यूपी के लोग ही शामिल हुए थे। ऐसी आशंका भी थी कि इस बार पश्चिमी यूपी में भाजपा को जीत के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि परंपरागत किसान पार्टी का विरोध नहीं कर रहे हैं। कुछ बहकावे लोग ही ऐसा कर रहे हैं। लिहाजा पार्टी वहां बहुमत से जीतेगी।
इस बीच भाजपा से उलट कांग्रेस ने सत्ताधारी पार्टी पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्तारूढ़ भाजपा पर किसानों से वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार और भारतीय जनता पार्टी का ‘डीएनए ही किसान-मज़दूर विरोधी’ है।
लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन में बघेल ने कहा कि मोदी सरकार और भाजपा ने अन्नदाता किसानों पर आघात किया है। मोदी ने 28 फ़रवरी, 2016 को बरेली में आयोजित एक रैली में देश के किसानों से वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘2022 आ गया है, आय तो दोगुनी नहीं हुई, दर्द सौ गुना जरूर हो गया है।’’
बघेल ने कहा, “भारत के गरीबों, मजदूरों और किसानों ने मोदी के वादों पर ऐतबार करके भाजपा को वोट दिया था, मगर उनके साथ विश्वासघात किया गया। सच तो यही है कि मोदी सरकार और भाजपा का डीएनए ही किसान-मज़दूर विरोधी है।” उन्होंने कहा, “किसानों की आय दोगुनी करना तो दूर, छह साल बाद मोदी सरकार ने सितंबर 2021 में एनएसएसओ की रिपोर्ट जारी कर बताया कि किसानों की औसत आय 27 रुपये प्रतिदिन रह गई है और औसत कर्ज़ बढ़कर 74 हजार रुपये प्रति किसान हो गया है।”

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *