UP Politics : लखनऊ में लेटे हुए हनुमान मंदिर में तोड़फोड़ की गई तो हरदोई में मस्जिद पर लिख दिया गया जय श्रीराम, बिनजौर में पढ़ी गई खुले में नमाज, अलीगढ़ में एक प्राचीन मंदिर में पेशाब करते हुए पकड़ा गया एक युवक
चरण सिंह राजपूत
भले ही एनसीआरबी की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में पांच साल में कोई दंगा न होने की बात कही गई हो, भले ही सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा करते हुए निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश पसंदीदा सूबा बता रहे हों पर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद का जो खेल खेला जा रहा है उससे न केवल साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का अंदेशा है बल्कि प्रदेश की छवि भी खराब हो रही है। कहीं पर मंदिर में मुस्लिमों के नाम पर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है तो कहीं पर मस्जिद में हिन्दूओं के नाम पर।
भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के मो. पैगम्बर पर विवादित बयान देने पर कानपुर में हुई हिंसा का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि प्रदेश की राजधानी में माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया गया। इसे वोटबैंक की राजनीति कहें, राजनीतिक दलों द्वारा बनाया गया माहौल या फिर अराजक तत्वों का द्वारा खेला जाने वाला खेल कि तहजीब के नाम से जाने जाने वाले लखनऊ में हिन्दूओं की आस्था के प्रतीक मशहूर लेटे हुए हनुमान मंदिर में न केवल तोड़फोड़ की गई बल्कि शनिदेव की मूर्ति को भी खंडित कर दिया गया। सोचने की बात यह है कि मंदिर में उत्पात मचाने वाले युवक ने अपना नाम शिवा बताया था और माथे पर टिका लगाकर जय श्रीराम के नारे लगा रहा था। जब इस युवक ने शनिदेव की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ की तो पुजारी और वहां पर उपस्थित लोगों ने उसे पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि जब इस युवक को रोका गया तो वह अभद्रता पर उतर आया। बाद में युवक नाम तौफीक अहमद होने की बात पचा ली है। हालांकि भीड़ ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
दिलचस्प यह है कि उत्तर प्रदेश में बस मंदिरों में ही माहौल खराब करने के मामले नहीं हो रहे हैं बल्कि मस्जिदों में भी अराजकत तत्व माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। अराजक तत्वों ने हरदोई में माहौल खराब करने की कोशिश की है। हरदोई के थाना सांडी के कस्बे में कुछ अराजक तत्वों ने मस्जिद पर जय श्रीराम लिख दिया। जब मस्जिद में पहुंचे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने इन पर कार्रवाई का आश्वासन देकर किसी तरह से लोगों को समझाया।
उधर अलीगढ़ में फिर से माहौल खराब करने की कोशिश का मामला सामने आया है। यहां मंडराक थाना क्षेत्र के इलाके के गाजीपुर गांव में एक प्राचीन मंदिर में एक समुदाय विशेष के युवक पर पेशाब करने का आरोप लगा है। जानकारी के अनुसार जब ग्रामीणों ने युवक को मंदिर में पेशाब करते देखा तो उसे रोकने की कोशिश की। इस कहासुनी में समुदाय विशेष के कुछ और दबंग वहां पहुंच गये और ग्रामीणों के साथ मारपीट करने की बात सामने आई है। इस पूरे घटनाक्रम में दो ग्रामीणों के घायल होने की बात भी बताई जा रही है।
उधर बिजनौर में खेल के मैदान में खुलेआम नमाज पढ़े जाने की बात सामने आई है, जिसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है। हिन्दू संगठनों ने इस पर नाराजगी जताई है। बताया जा रहा है कि नमाज पढ़ने की वीडियो किसी राहगीर ने बनाई है। पुलिस वायरल वीडियो में पढ़ रहे नमाजियों की तलाश कर रही है। जिन मैदान में यह नमाज पढ़ी गई उसके पास ना मंदिर भी है। मामला थाना नगीना के गांधी मूर्ति झंडा चौक का बताया जा रहा है।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर इस तरह के मामलों का फायदा किसे होता है ? कौन लोग हैं जो माहौल को खराब कर का प्रयास कर रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं है कि कोई ऐसा संगठन हो जो कि दोनों ओर से खेल खेल रहा हो। कहीं ऐसा तो नहीं है कि आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव के चलते उत्तर प्रदेश में हिन्दू-मिुस्लम का माहौल बनाया जा रहा हो। कहीं ऐसा तो नहीं है कि यह सब योगी आदित्यनाथ की सरकार को बदनाम करने के लिए किया जा रहा हो। कहीं ऐसा तो नहीं है कि हिन्दू-मुस्लिम का माहौल बनाकर बेरोजगारी, महंगाई और दूसरे जमीनी मुद्दों से ध्यान हटाने का प्रयास उत्तर प्रदेश में चल रहा हो। वैसे तो हिन्दू संगठन पीएफआई तो मुस्लिम संगठन आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के अलावा दूसरे हिन्दू संगठनों पर इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा देने का आरोप समय-समय पर लगाते रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर सरकार इस मामलों को बढ़ावा देने वाले असली सूत्रधारों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है ?