नई दिल्ली, युगांडा सरकार ने कर्ज चुकाने में विफल रहने के कारण अपना प्रमुख हवाई अड्डा चीन के हाथों गंवा दिया है। अफ्रीकी मीडिया की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार चीन के साथ एक लोन एग्रीमेंट को पूरा करने में विफल रही है, जिसमें उसके एकमात्र हवाई अड्डे को संलग्न करने की चुकौती शर्तें थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और अन्य युगांडा की संपत्तियां कुर्क की गईं और चीनी ऋणदाताओं द्वारा ऋण की मध्यस्थता पर कब्जा करने पर सहमति व्यक्त की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने एक प्रतिनिधिमंडल को बीजिंग भेजा था, जिसमें इस बात की उम्मीद जताई गई थी कि इन शर्तो पर फिर से बातचीत हो सकेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यात्रा असफल रही क्योंकि चीन के अधिकारियों ने सौदे की मूल शर्तों में किसी भी बदलाव की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
उस समय वित्त मंत्रालय और नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा प्रतिनिधित्व की गई युगांडा सरकार ने 17 नवंबर, 2015 को निर्यात-आयात बैंक ऑफ चाइना (एक्जि़म बैंक) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और कुछ शर्तो के साथ ऋण की राशि ली गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी उधारदाताओं के साथ हस्ताक्षर किए गए सौदे का मतलब युगांडा ने चीन को अपना सबसे प्रमुख हवाई अड्डा ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया है।
युगांडा नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (यूसीएए) ने कहा कि वित्तपोषण समझौते में कुछ प्रावधान एंटेबे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और अन्य युगांडा संपत्तियों को बीजिंग में मध्यस्थता पर चीनी उधारदाताओं द्वारा संलग्न और अधिग्रहण करने के लिए हैं।
चीन ने युगांडा द्वारा 2015 के ऋण के खंडों पर फिर से बातचीत करने की दलीलों को खारिज कर दिया है, जिससे युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी का प्रशासन अधर में है।