आन-बान थे देश की,
उधम सिंह सरदार।
सौरभ’ श्रद्धा सुमन रख,
उन्हें नमन शत बार।।
वैशाखी की क्रूरता,
लिए रहे बेचैन।
ओ डायर को मारकर,
मिला हृदय को चैन।।
बर्बरता को नोचकर,
कर ओ डायर ढेर।
लन्दन में दहाड़ उठा,
भारत का ये शेर।।
बच्चा-बच्चा अब बने,
उधम सिंह सरदार।
दुश्मनों के पर कटे,
काँप उठे गद्दार।।
बसंती चोला रंग दे,
गाये सब इंकलाब।
गाथा वीरों की गढ़े,
रचे गीत नायाब।।
उधम जैसे शहीद सब,
वार गए जो शीश।
याद उन्हें हम सब रखें,
यही हमारे ईश।।
डॉ. सत्यवान सौरभ