तुलसी है संजीवनी

तुलसी है संजीवनी, तुलसी रस की खान।
तुलसी पूजन से मिटें, जीवन के व्यवधान।।
*
विष्णु प्रिया तुलसी सदा, करती है कल्यान।
तुलसी है वरदायिनी, जीवन का वरदान ।।
*
जिस घर में तुलसी पुजे, रहे प्रभू का वास।
रोग पाप सब के मिटे, तन-मन हो उल्लास।।
*
तुलसी सालिगराम की, महिमा अजब महान।
हम सब का कर्तव्य है, हो इसका सम्मान।।
*
तुलसी माँ की वंदना, करता है संसार।
निरख -निरख रस का तभी, होता है संचार।।
*
तुलसी घर की शान है, तुलसी घर की आन।
जिस घर में हों तुलसियाँ, ईश्वर का वरदान।।
*
प्राणदायिनी औषधी, तुलसी है अनमोल।
ये माता संजीवनी, इसके पुण्य अतोल।।
*
चरणामृत तुलसी बिना, रहता सदा अपूर्ण।
बोकर तुलसी हम करे, उसे आज सम्पूर्ण।।
*
तुलसी के इस भेद को, जानें चतुर सुजान।
तुलसी माँ हर भक्त का, करती है कल्यान।।
*
सच्चे मन से जो करे, तुलसी पूजन पाठ।
रहते सौरभ है वहां, तन-मन के सब ठाठ।।

 डॉ. सत्यवान सौरभ

  • Related Posts

    वीर जवानों को नमन

    चली हवा संग तिरंगा, गूँजे रण का शोर, सरहद पर बैठे सपूत, आँखों में है जोर। धरती माँ का व्रत लिया, रखेंगे सम्मान, नमन तुम्हें हे वीर सपूतों, भारत की…

    “मुस्कान का दान”

    कभी किसी शाम की थकी हुई साँसों में, तुम्हारा एक हल्का सा “कैसे हो?” उतरता है — जैसे रेगिस्तान में कोई बूँद गिर जाए, जैसे सूनी आँखों में उम्मीद फिर…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

     नारायणी साहित्य अकादमी ने आयोजित की साहित्यिक गोष्ठी 

    • By TN15
    • April 28, 2025
    • 8 views
     नारायणी साहित्य अकादमी ने आयोजित की साहित्यिक गोष्ठी 

    यूपी की लड़की से बिहार में गैंगरेप, पिता का इलाज कराने आई थी गोपालगंज 

    • By TN15
    • April 28, 2025
    • 7 views
    यूपी की लड़की से बिहार में गैंगरेप, पिता का इलाज कराने आई थी गोपालगंज 

    मोदी-शाह आतंकवाद को रोकने में नाकाम रहने के कारण इस्तीफा दें : संदीप पांडेय 

    • By TN15
    • April 28, 2025
    • 7 views
    मोदी-शाह आतंकवाद को रोकने में नाकाम रहने के कारण इस्तीफा दें : संदीप पांडेय 

    संत शिरोमणि तुलसीदास सम्मान से अलंकृत हुए गुरुग्राम के ओज कवि राजपाल यादव

    • By TN15
    • April 28, 2025
    • 8 views
    संत शिरोमणि तुलसीदास सम्मान से अलंकृत हुए गुरुग्राम के ओज कवि राजपाल यादव