कई जगह आगजनी के साथ प्रदर्शन
पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं परीक्षा में कथित पेपर लीक की घटना को लेकर छात्रों और युवा संगठनों में गुस्सा उबाल पर है। इसी के तहत शुक्रवार को पटना और अन्य जिलों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए गए। युवा शक्ति संगठन और पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव के समर्थकों ने परीक्षा को रद्द करवाने की मांग को लेकर पटना-बख्तियारपुर नेशनल हाईवे और रेलवे ट्रैक को बाधित कर दिया। छात्रों और युवा संगठनों का आरोप है कि परीक्षा में पेपर लीक हुआ था, जिससे निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं। उन्होंने परीक्षा को रद्द कर इसे दोबारा आयोजित करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बीपीएससी और सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदर्शनकारियों ने पटना के दिदारगंज टोल प्लाजा के पास मुख्य सड़क को पूरी तरह से बंद कर दिया। इसके चलते पटना-बख्तियारपुर नेशनल हाईवे पर घंटों जाम की स्थिति बनी रही। प्रदर्शनकारियों ने आगजनी भी की और जगह-जगह सड़क पर बैठकर नारेबाजी की। रेल यातायात भी प्रभावित हुआ, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पूर्णिया के सांसद और जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया। उन्होंने बिहार सरकार और बीपीएससी आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है। पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि जब तक परीक्षा रद्द नहीं की जाती, तब तक वे छात्रों के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और आयोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और छात्रों के अधिकारों को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब बीपीएससी परीक्षाओं को लेकर विवाद हुआ हो। दिसंबर में परीक्षा के दौरान पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा भवन में भी छात्रों ने हंगामा किया था। उस समय भी पेपर लीक की खबरें सामने आई थीं, जिसके बाद छात्रों ने सड़क जाम कर परीक्षा रद्द करने की मांग की थी।
पुलिस और प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। जाम के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा गई और यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि, पुलिस ने बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया। बीपीएससी परीक्षाओं को लेकर छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होना एक गंभीर मुद्दा है, जिसे सरकार और आयोग को तुरंत हल करना चाहिए। छात्रों का यह प्रदर्शन उनके भविष्य को लेकर उनकी चिंता को दर्शाता है। यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।