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Threat to Human Existence : 45 साल में आधे से कम हुआ पुरुषों का स्पर्म काउंट

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रिसर्च में शामिल वैज्ञानिक हेगाई लेविन ने कहा-सबसे ज्यादा असर भारतीय मर्दों के स्पर्म काउंट पर

भारत समेत दुनियाभर के पुरुषों का स्पर्म काउंट गत 45 साल में आधे से ज्यादा कम हो गया है। ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट जर्नल की रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। रिसर्च में शामिल वैज्ञानिक हेगाई लेविन का कहना है कि सबसे ज्यादा असर भारतीय मर्दांे के स्पर्म काउंट पर देखने को मिल रहा है।
दुनिया की तीन बड़ी संस्था माउंट सिनाई मेडिकल सेंटर (मियामी), कोपेनहेगन विश्वविद्यालय (कापेनहेगन) और हिब्रू विश्वविद्यालय (यरूशलेम) ने मिलकर पुरुषों के स्पर्म काउंट को लेकर एक रिसर्च की। यह रिसर्च रिपोर्ट 15 नवम्बर यानी कि मंगलवार को ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट जर्नल में छपी है। दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और आस्ट्रेलिया महाद्वीप के 53 देशों के 57,000 लोगों को इस रिसर्च में शामिल किया गया है। दो एक्सपर्ट्स ने पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने को चिंता का विषय बताया है।
डॉ. शन्ना स्वान, प्रजजन महामारी रिसर्चर ने कहा है कि आने वाले समय में पुरुषों के स्पर्म काउंट और ज्यादा तेजी से घट सकते हैं। काफी हद तक संभावना है कि प्रति मिलीमीटर स्पर्म काउंट 4 करोड़ से कम होने पर पुरुष बांझपन के शिकार हो सकते हैं। इसलिए पुरुषों के सीमन में स्पर्म काउंट कम होना चिंता का विषय है।
प्रोपेसर हगई लेविन, हिब्रू यूनिवर्सिटी
ओलिगोस्पर्मिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका मतलब पुरुषों में तेजी से स्पर्म काउंट कम हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस रिपोर्ट का एक सीधा मतलब यह भी है कि पुरुषों में नपुसंकता बढ़ रही है और बच्चा पैदा करने की क्षमता घटी है। पुरुषों के स्पर्म काउंट कमें कम होने की कई वजहें हो सकती हैं। खाना, पानी और हवा के जरिये शरीर में एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल पहुंचता है। इसकी मात्रा बढ़ने से शरीर के दूसरे हामार्ेन प्रभावित होते हैं। पुरुषों के स्पर्म काउंट का कम होना काफी हद तक प्रदूषण पर भी निर्भर करता है। ज्यादा धूम्रपान और शराब पीने की वजह से भी पुरुषों का स्पर्म काउंट कम हो सकता है। मोटापा और खान-पान सही नहीं होना स्पर्म काउंट कम होने की एक और बड़ी वजह है।
पुरुषों के शरीर के सेक्स हामार्ेन टेस्टोस्टोरोन के असंतुलन की वजह से भी स्पर्म काउंट कम होता है। स्पर्म से जुड़ी जेनेटिक बीमारी, प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन, यौन रोग गोनोरिया की वजह से भी स्पर्म काउंट कम हो सकता है।
एक्सपर्ट का कहना है कि किसी पुरुष के शरीर में स्पर्म काउंट क्यों कम हो हो रहा है। ये वजह पता चलने के बाद उचित उपाय करके इसे रोकना संभव है। इसके लिए रिपेर्ट में एक्सपर्ट के हवाले से कई खास बातें बताई गई हैं। डॉ. शन्ना स्वान का कहना है कि बेहतर खान-पान, फिजिकल एक्टिविटी और हेल्दी लाइफस्टाइल से स्पर्म काउंट बढ़ाना संभव है। पेस्टिसाइड की चीजों के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर और खानपान में आर्गेनिक चीजों को अपनाने से स्पर्म काउंट बढ़ाया जा सकता है। प्लास्टिक और केमिकल प्रोडक्ट के इस्तेमाल को कम करके शरीर में एंडोक्राइन डिरप्टिंग केमिकल को बढ़ने से रोका जा सकता है। डॉक्टर स्वान के मुताबिक स्पर्म काउंट के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर हर देश में डेवलप हो ताकि लोगों को सही समय पर इसकी जानकारी मिले।

पुरुषों को बिना जांच कराए स्पर्म काउंट होने का पता नहीं चल पाता है। किसी पुरुष के वीर्य में स्पर्म काउंट कम हुआ है या नहीं, इसे सीमेन एनालिसिस टेस्ट के जरिये पता किया जाता है। आमतौर पर भारतीय पुरुष इस तरह के टेस्ट सिर्फ फर्टिलिटी में दिक्कत आने यानी बांझपन के शिकार होने के बाद ही कराते हैं। भारतीय लोगों को लगता है कि स्पर्म काउंट कम होने से सिर्फ फर्टिलिटी में यानी संतान पैदा करन में दिक्कत होती है। हालांकि इसकी वजह से कई समस्याएं पैदा होती हैं, जैसे इसका सीधा असर पुरुषों के सेक्स लाइफ पर पड़ता है। इसकी वजह से सिर्फ दर्द और मानसिक तनाव हो सकता है। इसकी वजह से कई बार प्राइवेट पार्ट में सूजन और दर्द की भी समस्या पैदा हो सकती है। सिर और शरीर के दूसरे हिस्सों से बाल झड़ने लगते हैं।

पुरुषों के वीर्य में सामन्य तौर पर प्रति मिलीलीटर स्पर्म काउंट 1.5 करोड़ से लेकर 3.9 करोड़ होता है। प्रति मिलीलीटर स्पर्म काउंट 1.5 से कम होने पर इसका सही इलाज जरूरी हो  जाता है। स्पर्म काउंट होने पर इसके इलाज के लिए अलग-अलग तरीके हैं। पुरुषों के जनन अंग की नसों में सूजन या ब्लॉकेज होने पर डाक्टर सर्जरी के जरिये इसे सही करते हैं।