चाय की चुस्कियों पर ग्रामीण विकास एवं संरचना पर व्यक्त किये विचार 

नये साल में  “चाय पे चर्चा ” कार्यक्रम का आयोजन 

RTI tea stall के बैनर तले ग्राम तातियागंज, कानपुर नगर में चाय पे चर्चा के अंतर्गत  ग्रामीण  विकास और भारतीय राजनीति  विषय पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, डॉक्टर, राजनीतिक विश्लेषक, व्यापारी, पंचायत प्रतिनिधि आदि वर्गों के प्रतिनिधि समूह ने हिस्सा लिया । इस अवसर पर मौजूद प्रतिनिधियों ने चाय की चुस्कियां लेते हुए  ग्रामीण विकास एवं  संरचना पर अपने विचार साझा किए ।

चर्चा की शुरुआत सामाजिक कार्यकर्ता  के.एम. भाई  द्वारा वर्तमान समय में ग्रामीण भारत की स्थिति और दशा पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट के साथ हुयी | जिसे आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ शिक्षक विजय पाठक ने कहा गांधी ने जिस ग्रामीण भारत का सपना देखा था वो आज भी एक सपना ही है।आज भी हमारे गाँव का बूढ़ा पिता विकास की राह देख रहा है ग्रामवासी अपने मौलिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं |  राजनीतिक चिंतक राजन सविता ने कहा जब तक राजनीतिक स्तर पर ग्रामीण प्रतिनिधित्व नहीं होगा तब तक विकास की उम्मीद करना एक सपना ही रह जायेगा।

वर्तमान भारतीय राजनीतिक व्यवस्था शहरी केन्द्रित हो गयी है ग्राम विकास के नाम पर चर्चा तो होती है पर कोई जमीनी स्तर का कार्य नहीं होता है जिसके कारण गाँव हमेशा विकास से अछूते रह जाते हैं और ग्रामीण विकास एक सपना बन कर रह जाता है| इस बात के जवाब में  समाजसेवी डा शर्मा ने कहा ग्रामीणों में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता एवं संगठन का अभाव हैं | इसलिए पहले खुद को सक्षम एवं संगठित करना होगा। और फिर अपने अधिकारों की वकालात करनी होगी| जिसके लिए गाँव गाँव इसी तरह के जन सांसद और जन वकालत की शुरुआत करनी होगी |

कार्यक्रम के अंत में ग्रामीणों को सूचना अधिकार कानून के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में भी जानकारी दी गयी। और एकजुट होने की अपील की गयी |

आज के कार्यक्रम में सर्वेश कुमार, दयाराम पाल, शुशील, अंकित, मूलचंद बाबा, राम भरोसे, विपिन कुमार, नीरज शर्मा , हरिशचंद्र आदि शामिल रहे।

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