भागलपुर । भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में आनंदराम ढांढनियाँ सरस्वती विद्या मंदिर, भागलपुर में आयोजित प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन के तृतीय दिवस का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक रामनवमी प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि संघ स्थापना को 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं और इसके मूल उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्य तेज़ करना आवश्यक है। उन्होंने संघ को संपूर्ण समाज का संगठन बताते हुए व्यक्ति एवं चरित्र निर्माण को प्राथमिकता देने पर बल दिया।
प्रधानाचार्य की भूमिका पर विशेष जोर:
पूर्व अखिल भारतीय प्रशिक्षण संयोजक राजेंद्र सिंह बघेल ने प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षकों को प्रतिदिन शिक्षण कार्य अनिवार्य रूप से करना चाहिए। उन्होंने छात्रों के समग्र विकास और उनकी रुचि के अनुसार मार्गदर्शन देने की आवश्यकता बताई।
भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर:
अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्माजी राव ने कहा कि भारत विश्व का प्राचीनतम राष्ट्र है और पुनः विश्व गुरु बनने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने छात्रों को सामान्य ज्ञान, पत्र-पत्रिकाओं एवं प्रेरणादायक पुस्तकों के अध्ययन हेतु प्रेरित करने की बात कही।
संगीत कक्षा और ‘राम सेतु’ का उद्घाटन:
अखिल भारतीय मंत्री कमल किशोर सिन्हा एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा विद्यालय में संगीत कक्षा का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही, विद्यालय के एक भवन से दूसरे भवन तक जाने के लिए निर्मित राम सेतु का भी शुभारंभ किया गया।
सम्मेलन में ये प्रमुख लोग रहे उपस्थित:
इस अवसर पर कमल किशोर सिन्हा, ब्रह्माजी राव, राजेंद्र सिंह बघेल, रामनवमी प्रसाद, ख्यालीराम, प्रदीप कुमार कुशवाहा, सहित कई गणमान्य लोग एवं प्रतिभागी प्रधानाचार्य उपस्थित थे।