पूर्वानुमानित अवधि में वर्तमान मौसमीय परिस्तिथियाँ के कारण अभी भी वर्षा की संभावना : मौसम वैज्ञानिक

अनेक स्थानों पर हल्की वर्षा होने की अनुमान 

सुभाष चंद्र कुमार
समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय स्थित जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी 22-26 मई, 2024 तक के मौसम पूर्वानुमानित अवधि में वर्तमान मौसमीय परिस्तिथियाँ के कारण अभी भी वर्षा की संभावना बनी रहेगी जिसके चलते अनेक स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है।

इस अवधि में अधिकतम तापमान 36-39 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि न्यूनतम तापमान 22-24 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। मंगलवार के तापमान पर एक नजर डालें तो अधिकतम तापमानः 34.4 डिग्री सेल्सियस, सामान्य से 1.0 डिग्री सेल्सियस कम एवं न्यूनतम तापमानः 25.0 डिग्री सेल्सियस, सामान्य से 0.1 डिग्री सेल्सियस कम रहा है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 35 से 45 प्रतिशत रहने की संभावना है।

पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 18 से 25 कि०मी० प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है।

समसामयिक सुझाव देते हुए मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि पूर्वानुमानित अवधि में वर्षा की संभावना को देखते हुए तैयार मक्का फसल की कटनी, दौनी तथा दानो को सुखाने के कार्य में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कीटनाशकों का छिड़काव मौसम साफ रहने पर ही करें।
खरीफ मक्का की बुआई के लिए खेत की तैयारी करें।

खेत की जुताई में 10 से 15 टन गोबर की सड़ी खाद प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करे। बुआई के समय प्रति हेक्टेयर 30 किलो नेत्रजन, 60 किलो स्फुर एवं 50 किलो पोटाष का व्यवहार करें। उत्तर विहार के लिए अनुशंसित मक्का की किस्में जैसे सुआन, देवकी, शक्तिमान 1, शक्तिमान-2, राजेन्द्र संकर मक्का-3, गंगा-11 है। खरीफ मक्का की बुआई 25 मई से करें।

राजश्री, राजेंद्र मंसूरी, राजेंद्र श्वेता, किशोरी, स्वर्ण, स्वर्ण सब-1 वीपीटी-5204, और सत्यम जैसी लंबे समय तक चलने वाली धान की किस्में उगाने वाली नर्सरी को 25 मई से लगाया जा सकता है। स्वस्थ पौधों को सुनिश्चित करने के लिए खेत को नर्सरी के लिए तैयार करें और उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद का प्रयोग करें। नर्सरी में क्यारी 1.25-1.5 मीटर चौड़ा होना चाहिए, और लंबाई आपकी सुविधा के अनुसार समायोजित की जा सकती है।

एक हेक्टेयर क्षेत्र में रोपाई के लिए 800-1000 वर्ग मीटर का नर्सरी क्षेत्र तैयार करें। प्रमाणित बीजों का प्रयोग करें तथा बोआई से पूर्व उपचारित करना सुनिश्चित करें।गन्ना लगाने वाले किसानो के लिए सुझाव है कि अभी गन्ना फसल में कालिका रोग (Smut) के प्रकोप की सभांवना है। इस रोग से आक्रांत पौधों के फुनगी से चबुकनुमा काला डंढल निकलता जो एक सफेद झिल्ली से ढका रहता है, जिसमे अनगिनत बीजाणु पाए जाते है।

ऐसे रोगग्रस्त पौधों को पालीथीन बैग से ढककर सूड़ के साथ निकलकर नष्ट कर दे ताकि बीजाणु यत्र तंत्र न फैल सके। रोग ग्रस्त सूड़ को सावधानी पूर्वक निकालकर कार्बेन्डाजिम नामक फफूंदनाशी दवा का 0.1 प्रतिशत प्रति लीटर पानी से ट्रेंचिंग करे एवं प्रोपिकोनाजोल नामक दवा 0.1 प्रतिशत प्रति लीटर पानी से घोल बनाकर 15 दिनों के अंतराल पर तीन बार छिड़काव मौसम साफ रहने पर करे।

रोग ग्रस्त खेतों में अगले तीन सालों तक गन्ने की रोपाई ना करें एवं गहरी जुताई कर फसल चक्र अपनायें। अगात मूंग, उरद की तैयार फलियों की तुड़ाई कर ले। पिछात बोयी गयी मूंग एवं उरद् की फसल में पीला मोजैक रोग की निगराणी करें। यह विषाणु द्वारा उत्पन्न होने वाला विनाषकारी रोग है जो सफेद मक्खी (एक रस चूसक कीट) के द्वारा फसल में प्रसारित होता है। इसके शुरूवाती लक्षण पत्तियों पर पीले धब्बे के रूप दिखाई देता है।

बाद में पत्तियों तथा फलियों पूर्ण रूप से पीली हो जाती है। इन पत्तियों पर उत्तक क्षय भी देखा जाता है। फलन काफी प्रभावित होता है। उपचार हेतु रोग ग्रसित पौधों को शुरू में ही उखाड़ कर नष्ट कर दें तथा इमिडाक्लोरोप्रिड 17.8 एस० एल०/0.3 मि०ली० प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव मौसम साफ रहने पर करें।

वर्तमान मौसम में लत्तर वाली सब्जियों जैसे नेनुआ, करैला, लौकी (कद्दू), और खीरा फसलों में फल मक्खी कीट की निगरानी करें। यह इन फसलों को क्षति पहुंचाने वाला प्रमुख कीट है। मादा कीट मुलायम फलों की त्वचा के अन्दर अंडे देती है। अंडे से पिल्लू निकलकर अन्दर ही अन्दर फलों के भीतरी भाग को खाता है। जिसके कारण पूरा फल सड़ कर नष्ट हो जाता है।

इस कीट का प्रकोप शुरू होते ही 1 किलोग्गाम छोआ (गुड़), 2 लीटर मैलाथियान 50 ई०सी० को 1000 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर की दर से 15 दिनों के अन्तराल पर दो बार छिड़काव मौसम साफ रहने पर करें।मिर्च के खेत में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर जमीन में गाड़ दे, तदुपरांत इमिडाक्लोप्रिड एक मि०ली० प्रति 3 लीटर पानी की दर घोल बनाकर सुबह अथवा शाम के वक्त छिड़काव मौसम साफ रहने पर करें।

  • Related Posts

    पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर चौक का हुआ शिलान्यास, महापुरुषों के नाम पर चौराहों का होगा सौंदर्यकरण

    बिजनौर । पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की जयंती…

    Continue reading
    Bihar News : विधानसभा चुनाव लड़ेंगे चिराग!

    विधानसभा चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान! मीडिया से बात…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    बांके बिहारी मंदिर के बंद होने की खबर अफवाह!

    • By TN15
    • June 2, 2025
    बांके बिहारी मंदिर के बंद होने की खबर अफवाह!

    मैसर्स- बीएचईएल सेक्टर- 16 नोएडा कम्पनी पर सीटू के बैनर तले कर्मचारियों का धरना 41 वें दिन भी जारी 

    • By TN15
    • June 2, 2025
    मैसर्स- बीएचईएल सेक्टर- 16 नोएडा कम्पनी पर सीटू के बैनर तले कर्मचारियों का धरना 41 वें दिन भी जारी 

    पंचायत चुनाव से पहले योगी का बड़ा दांव, हो सकते हैं बड़े बदलाव!

    • By TN15
    • June 2, 2025
    पंचायत चुनाव से पहले योगी का बड़ा दांव, हो सकते हैं बड़े बदलाव!

    बिजनौर में निर्माणाधीन पुल का लिंटर गिरने से कई मजदूर दबे, जिला प्रशासन में हड़कंप 

    • By TN15
    • June 2, 2025
    बिजनौर में निर्माणाधीन पुल का लिंटर गिरने से कई मजदूर दबे, जिला प्रशासन में हड़कंप 

    सार्वजनिक जीवन का अलग ही आनंद!

    • By TN15
    • June 2, 2025
    सार्वजनिक जीवन का अलग ही आनंद!

    पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर चौक का हुआ शिलान्यास, महापुरुषों के नाम पर चौराहों का होगा सौंदर्यकरण

    • By TN15
    • June 2, 2025
    पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर चौक का हुआ शिलान्यास, महापुरुषों के नाम पर चौराहों का होगा सौंदर्यकरण