बेहतर आमदनी के लिए कृषि के क्षेत्र में विविधिताएं लाने की जरूरत : डा. उदित कुमार 

हाई वैल्यू फ्रूट की खेती पर बल देने की जरूरत 

समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित संचार केंद्र स्थित पंचतंत्र सभागार में गुरुवार को विविधीकरण के लिए उच्च मूल्य वाली फलों की फसल का अनुकूलन एवं प्रबंधन विषय पर चार दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत हुई। जिसकी अध्यक्षता करते हुए उद्यानिकी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा उदित कुमार ने कहा कि किसानों को अपने फसलों से बेहतर आमदनी प्राप्त करने के लिए कृषि के क्षेत्र में विविधिताएं लाने की जरूरत है। जिससे जलवायु परिवर्तन की दौर में भी किसान कृषि उत्पादों का बेहतर बाजारीकरण कर ज्यादा से ज्यादा लाभ अर्जन कर सकते है। साथ ही उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए तापमान व अनियमित वर्षा एवं बदलते हुए मौसम के परिवेश में किसानों फल और फूल की खेती के अलावे औषधीय गुणों से भरपूर फसलों की खेती करने की आवश्यकता है। जिसमें मुख्यरूप से ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी आदि की खेती कर किसान अपनी आय में समृद्धि ला सकते है।

फसलोत्तपादन से ज्यादा अब के समय में फल फूल की खेती का महत्ता दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। ड्रैगन फ्रूट एवं स्ट्राबेरी की खेती शुरू करने के दौरान यानी प्रथम वर्ष के अनुपातिक रूप से लागत दर में वृद्धि होती है। वहीं इस फल की प्रतिवर्ष खेती करने पर सामान्यतौर से धीरे धीरे लागत दर में गिरावट आ जाती है। तब किसानों को ड्रैगन फ्रूट एवं स्ट्राबेरी की खेती से मुनाफा नजर आने लगता है। मलचिंग विधि से स्ट्राबेरी की खेती करने पर किसानों कम समय में ज्यादा मुनाफा मिलना शुरू हो जाता है। अनानाश की खेती करने पर दो से ढाई वर्ष का समय लगना लाजमी है। जबकि सेव के पौधा को रोपाई के दिन से फलन देने के लायक होने में करीब करीब ढाई से तीन वर्ष का समय लगता है। कीवी की व्यवसायिक खेती कर किसान अधिकाधिक आय की प्राप्ति कर सकते है। प्रशिक्षण सत्र का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रसार शिक्षा उप निदेशक डा अनुपमा कुमारी ने कहा कि बिहार में कुछ एक प्रगतिशील कृषक चमत्कारी फल एवं फूलों की खेती कर लाभान्वित हो रहे है। आम, लीची, जामुन एवं अमरूद के पेरों वाली बागों का संरक्षण एवं। प्रबंधन करने की आवश्यकता है। बिहार राज्य के किशनगंज जिला में सर्वप्रथम खराब भूमि के बावजूद ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है। वहां के किसान बेहतर उत्पादन के साथ साथ अधिकाधिक आय भी प्राप्त कर रहे है। इधर बिहार में स्ट्राबेरी की खेती बिल्कुल ही नगण्य है जबकि फिलवक्त जलवायु परिवर्तन की दौर में किसानों का स्ट्राबेरी की खेती के तरफ अत्यधिक झुकाव देखा जा रहा है। परंपरागत फलों के बगीचे को संरक्षण करते हुए हाई वैल्यू फ्रूट की खेती पर बल देने की जरूरत है। प्रशिक्षण के इस सत्र में पूर्णिया जिला से करीब करीब 30 किसान हिस्सा ले रहे है। मौके पर दीपक कुमार आदि मौजूद थे।

  • Related Posts

    आरसीबी की जीत के जश्न में मची भगदड़ से पल्ला झाड़ने पर एक्शन में हाईकोर्ट !

    बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु के चिन्नास्वामी…

    Continue reading
    शिक्षक संघ ने समाहरणालय गेट पर दिया धरना, सौपा ज्ञापन

    पश्चिम चम्पारण/बेतिया। समाहरणालय के समक्ष शिक्षक संघ ने…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    6 मई को पाकिस्तान के लिए थी कयामत की रात!

    • By TN15
    • June 6, 2025
    6 मई को पाकिस्तान के लिए थी कयामत की रात!

    पाकिस्तान : सरकारी स्कूल में धमाका 

    • By TN15
    • June 6, 2025
    पाकिस्तान : सरकारी स्कूल में धमाका 

     नोएडा में साढ़े तीन साल की बच्ची की कोविड-19 से मृत्यु!

    • By TN15
    • June 6, 2025
     नोएडा में साढ़े तीन साल की बच्ची की कोविड-19 से मृत्यु!

    बूंद बूंद पानी को तरसा पाकिस्तान, बिलावल भुट्टो ने दे दी परमाणु युद्ध की धमकी!

    • By TN15
    • June 6, 2025
    बूंद बूंद पानी को तरसा पाकिस्तान, बिलावल भुट्टो ने दे दी परमाणु युद्ध की धमकी!

    भगदड़ मामले में आरसीबी के मार्केटिंग हेड की गिरफ्तारी 

    • By TN15
    • June 6, 2025
    भगदड़ मामले में आरसीबी के मार्केटिंग हेड की गिरफ्तारी 

    पीएम मोदी ने किया जम्मू कश्मीर में चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज का उद्धघाटन !

    • By TN15
    • June 6, 2025
    पीएम मोदी ने किया जम्मू कश्मीर में चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज का उद्धघाटन !