कृष्णा नारायण
धीरे धीरे वर्ष 2024 अपने समापन की तरफ बढ़ने लगा है और वर्ष 2025 की पदचाप सुनाई देने लगी है| आता हुए वर्ष कैसा होगा यह प्रश्न हर एक के मन में है|
आइये ज्योतिष के नजरिए से वर्ष 2025 को देखने का एक सामूहिक प्रयास करें|
भारतवर्ष की मंगल की दशा का आरंभ होगा| सूर्य, शनि और मंगल के प्रभाव का यह वर्ष स्वयं को अनुशासित करते हुए जुनूनी मेहनत के साथ स्वयं के आत्मबल को प्राप्त करने वाला वर्ष होगा|
जितने भी हताश, निराश, मानसिक अवसाद से जूझ रहे, तनाव से ग्रस्त व्यक्ति हैं, उनके लिए यह वर्ष उनके लक्ष्य की पहचान करके कठिन परिश्रम के द्वारा तूफानी सफलता हासिल करने का वर्ष होगा|
इस वर्ष, शनि जहां राशि परिवर्तन कर समाज में बड़े बदलाव करने की बात कर रहा है, वहीं बुध, गुरु एवं मंगल उसके इस सोच को बल प्रदान कर रहा है| शनि जहाँ समाज की गंदगी को दूर करके उसे सर्वग्राही बनाने की दिशा में अपना प्रयास तेज करेगा वहीं गुरु एवं मंगल का संबंध सरकार को बच्चों एवं युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे और आध्यात्मिक विकास को लेकर जागरूक करने वाला होगा|
इस वर्ष राहु का संचार कुंभ राशि में होना तथा भारतवर्ष की दशा का परिवर्तित होना, चंद्र की दशा समाप्त होकर मंगल की दशा का आरंभ होना एक ओर तो नई तकनीक के प्रति आम लोगों की जिज्ञासा को बढ़ाने वाला होगा,आईटी क्षेत्र में जहाँ तेजी से परिवर्तन करने वाला होगा वहीं संचार माध्यम, मीडिया के स्वरुप में पिछले कुछ वर्षों की अपेक्षा ज्यादा ही बदलाव करने वाला होगा| दूरसंचार एवं सूचना के तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव की सूत्रपात करने वाला एक अद्भुत संयोग है यह योग|
बदली हुई दशा मंगल की दशा एवं भारतवर्ष की कुंडली में द्वितीय भाव में मिथुन राशि में स्थित मंगल पर छठे भाव से एकादशेश गुरु की दृष्टि,चुनावी प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन का संकेत है
मई माह में गुरु एवं राहु का राशि परिवर्तन होगा| कुंभ राशि का राहु, गुरु एवं मंगल से दृष्ट होगा| परंपरा से बाहर निकल कर अपनी राह बनाते हुए नयी पहचान बनाने की सोच से प्रेरित होकर अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में प्रयासरत व्यक्ति चाहे वे विद्यार्थी हों या पेशागत व्यक्ति, सफल होंगे।
इसके अलावा अन्य कुछ महत्वपूर्ण संकेत निम्नांकित हैं-
1 – वित्तीय क्षेत्र में व्यापक बदलाव के लाभ को समाज के वंचित एवं अपेक्षित वर्ग तक पहुँचाने के लिए सरकार की तरफ से पुरजोर प्रयास के बावजूद परिणाम बेहद उत्साहवर्धक नहीं रहने के संकेत हैं| वर्ष के आरंभ में आर्थिक अस्थिरता रहेगी परंतु वर्ष के उत्तरार्ध से आर्थिक क्षेत्र में एशिया में सबसे तेज गति से ऊपर आने वाले देश के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएगा|
2 – भारतीय शिक्षा व्यवस्था,भारतीय अर्थव्यवस्था, भारतीय न्याय व्यवस्था में हर स्तर पर महत्वपूर्ण बदलाव किये जायेंगे|
3 – छात्रों के बीच बढ़ता रोष एवं असंतोष सरकार के लिए मुश्किल हालात पैदा कर सकता है|
4 – इस वर्ष देश में अराजक स्थिति बनाए जाने की कोशिश में पिछले वर्ष की अपेक्षा तेजी आएगी|केंद्रीय सत्ता को कमजोर करने और केंद्रीय साख को धूमिल करने के लिए देश विरोधी शक्तियां पहले से ज्यादा सक्रीय होंगी|देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने के साथ ही साथ हम सभी को भी सतर्क और सचेत रहने का संकेत दे रहे हैं|
5 – सीमावर्ती इलाकों और सीमा क्षेत्र में आधारभूत संरचना को मजबूत किया जाएगा| सिर्फ कूटनैतिक प्रयासों में ही तेजी नहीं लाई जाएगी वरन रक्षा तंत्र को और मजबूत किया जाएगा|घुसपैठियों के पकड़ के लिए सम्बंधित तंत्र को मजबूत किया जायेगा |
6 – भारत के युद्ध नीति में महत्वपूर्ण बदलाव
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