
रामनरेश
पटना । देश में बाढ़ के मामले में पटना का हाल सबसे ज्यादा खराब है। सीधे शब्दों में बाढ़ गंभीरता सूचकांक के अनुसार, पटना में सबसे भीषण बाढ़ आती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली और रुड़की के शोधकर्ताओं ने ये निष्कर्ष निकाला है। इस लिस्ट में बिहार के कुछ और जिले भी शामिल हैं।
शोधकर्ताओं द्वारा विकसित जिला-स्तरीय बाढ़ गंभीरता सूचकांक के अनुसार, भारत में सबसे भीषण बाढ़ पटना में आती है, इसके बाद पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद और महाराष्ट्र का ठाणे है।
सूचकांक में प्रभावित लोगों की संख्या, बाढ़ की व्यापकता और इसकी अवधि के आधार पर बाढ़ की ऐतिहासिक गंभीरता को ध्यान में रखा गया है। शोधकर्ताओं ने कहा जिन शीर्ष दस जिलों में बाढ़ की गंभीरता सबसे अधिक है उनमें पटना, मुर्शिदाबाद, ठाणे, उत्तर 24 परगना (पश्चिम बंगाल), गुंटूर (आंध्र प्रदेश), नागपुर (महाराष्ट्र), गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), बलिया (उत्तर प्रदेश), पूर्वी चंपारण (बिहार), और पूर्वी मेदिनीपुर (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसके बाद मुजफ्फरपुर (बिहार), लखीमपुर (असम), कोटा (राजस्थान), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), मालदा (पश्चिम बंगाल), राजकोट (गुजरात), प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), औरंगाबाद (बिहार), बहराईच (उत्तर प्रदेश), अहमदाबाद (गुजरात), जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल), दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल), डिब्रूगढ़ (असम), आज़मगढ़ (उत्तर प्रदेश), चमोली (उत्तराखंड), पश्चिम चंपारण (बिहार), अमरावती (महाराष्ट्र), मेदिनीपुर पश्चिम (पश्चिम) बंगाल), और समस्तीपुर (बिहार) हैं। उत्तराखंड के चमोली में बार-बार बाढ़ नहीं आती, लेकिन कुछ अलग-अलग अत्यधिक विनाशकारी बाढ़ की घटनाओं के कारण चमोली को भी इस सूची में रखा गया है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि बाढ़ के सबसे अधिक खतरे का सामना करने वाले 30 जिलों में से 17 गंगा बेसिन में और तीन ब्रह्मपुत्र बेसिन में हैं। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय नदी घाटियों में, गंगा बेसिन में सबसे अधिक आबादी है, और यहां बाढ़ की उच्च आशंका चिंताजनक है। भारत में असम में सबसे अधिक बाढ़ आती है। राज्य ने पिछले 56 वर्षों में 800 से अधिक बाढ़ की घटनाओं का सामना किया है।