महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी हो : नारी चेतना मंच

जब महिला पहलवानों को न्याय नहीं तो आम महिलाओं को कैसे मिलता होगा न्याय ?

रीवा 27 अप्रैल। दिल्ली के जंतर मंतर में महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करने और उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाने की मांग को लेकर धरना दे रखा है । आंदोलनरत महिला पहलवानों के समर्थन में नारी चेतना मंच की नेत्री डॉ श्रद्धा सिंह एवं श्वेता पांडे ने कहा है कि यह अत्यंत गंभीर यौन शोषण का आपराधिक मामला है जिस पर तत्काल गिरफ्तारी के साथ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होना चाहिए। यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर जीते बृजभूषण शरण सिंह कुल 6 बार के सांसद हैं. वह पिछले 11 साल से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बने बैठे हैं। वह खुद को ‘शक्तिशाली’ कहते हैं। बृजभूषण के बेटे प्रतीक भूषण भी पिछले दो बार से गोंडा सदर से विधायक चुने जा रहे हैं। उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह भी वर्तमान में गोंडा जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दूसरी पार्टियों के नेताओं पर राजनीति में परिवारवाद का आरोप लगाया जाता है वहीं देखने को मिलता है कि खुद भाजपा नेतागण इस आरोप से अछूते नहीं है और उक्त भाजपा सांसद की पत्नी और बेटे महत्वपूर्ण पदों पर बने हुए हैं। कुल मिलाकर बृजभूषण शरण सिंह पूरी तरह से एक बाहुबली छवि वाले नेता हैं. 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए भरे गए हलफनामे के मुताबिक बृजभूषण सिंह के खिलाफ डकैती, हत्या के प्रयास और दंगा समेत कुछ अन्य बड़े आरोप भी हैं।

नारी चेतना मंच की वरिष्ठ नेत्रियों ने कहा कि देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन करने वाली भारतीय महिला पहलवानों के यौन शोषण का मामला काफी गंभीर है। आरोप तो यह है कि बड़ी संख्या में महिला पहलवानों का यौन शोषण हुआ है। उनके द्वारा लंबे समय से इसकी शिकायत की जा रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई बल्कि धमकी दी जा रही है। इधर सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित मामले की एफ आई आर दर्ज करने को कहा है लेकिन अभी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी है। नारी चेतना मंच ने कहा कि जिस व्यक्ति को आसाराम बापू की तरह जेल में होना चाहिए वह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर बरकरार रहते हुए भाजपा सांसद भी है। यह काफी चिंताजनक बात है कि जब महिला पहलवानों के मामले की सही सुनवाई नहीं हो रही है तो आम महिलाओं को ऐसे मामले में न्याय कैसे मिलता होगा।

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