पालम विधानसभा जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की लापरवाही का शिकार: रणबीर सिंह सोलंकी
महेश मिश्रा
पालम विधानसभा (नई दिल्ली): भारत की राजधानी दिल्ली, दिल्ली की उपनगरी द्वारका और द्वारका को मुख्यतः दिल्ली से जोड़ता पालम फ्लाईओवर और पालम गांव की अधिकांश जमीन पर बसी उपनगरी द्वारका। चौदह सौ साल पुराना गांव आज भी अपने अस्तित्व को स्थापित करने की लड़ाई लड़ रहा है। पालम फ्लाईओवर के नीचे चौतरफा रास्तों (चौराहे) का हाल देखकर आने जाने वालों के पसीने छूट रहे हैं और जान गले में अटकी रहती है। साथ ही बारिश के मौसम में यहां तालाब का जीर्णोद्धार हो जाता है, जिसको जहां जरूरत है, वहां करने में सरकार और सरकारी विभाग विफल साबित हो रहे हैं। लेकिन इसके रख-रखाव की जिम्मेदार दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) जिसका कार्यालय बिल्कुल साथ ही है, उनके माथे पर जरा सी भी शिकन नहीं है। रास्ते में हर तरफ गड्ढे और गड्ढों में जनता कभी महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे, जवान, वाहन इत्यादि हो रहे शिकार लापरवाह विभाग की करनी बेदम सड़कों के।
रणबीर सिंह सोलंकी, समाज सेवी, चेयरमेन (फेडरेशन ऑफ साउथ एंड वेस्ट डिस्ट्रीक्ट वेलफेयर फोरम) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष (राष्ट्रीय युवा चेतना मंच) ने अपने शिकायत पत्र में उपरोक्त स्थान के साथ शहीद रामफल चौक से ब्रह्मा अपार्टमेंट से जाट चौक तक का हाल बताया, जहां बदहाल सड़कों एवं ध्वस्त सीवर सिस्टम की वजह से चलना रहना भी दुर्भर हो गया है, लेकिन न तो डीडीए रोड दुरुस्त करने का कार्य कर रही है न ही दिल्ली जल बोर्ड एसई एम (नौ) के अधिकारी काम करने को तैयार हैं और जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद से ही अगले पांच साल के अवकाश पर हैं। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए सोलंकी एवं क्षेत्र वासियों ने उपराज्यपाल, डीजेबी उपाध्यक्ष एवं सीईओ से मांग की तत्काल संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे समस्या पर नियंत्रण किया जाए इससे पहले पानी भराव से महामारी (डेंगू आदि) फैलें या बेदम सड़क की वजह से कोई जान जाए।