जो रहने गया, उसकी कुर्सी गई!

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 डिप्टी सीएम सम्राट ने नहीं रखा कदम

 पटना के ‘बदनाम’ बंगले की कहानी

दीपक कुमार तिवारी

पटना । बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने 5, सर्कुलर रोड वाला सरकारी बंगला लेने से मना कर दिया है। उन्हें डर है कि कहीं इस बंगले में रहने से उनकी कुर्सी न चली जाए। इससे पहले इसी बंगले में रहने वाले कई नेता अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं। सम्राट चौधरी ने सरकार से दूसरा बंगला देने की मांग की। बिहार सरकार ने उन्हें 7, स्ट्रैंड रोड वाला बंगला आवंटित कर दिया। मतलब, सम्राट चौधरी ने पटना के इस ‘बदनाम’ बंगले में कदम नहीं रखा।
दरअसल, बिहार सरकार ने अपने डिप्टी सीएम के लिए एक खास बंगला तय कर रखा है। ये बंगला है 5, सर्कुलर रोड वाला। अगर सरकार में दो डिप्टी सीएम हों, तो जो पहले नंबर का होगा, उसे यही बंगला दिया जाएगा। इस साल जनवरी में जब सम्राट चौधरी पहली बार डिप्टी सीएम बने, तो उन्हें भी यही बंगला दिया गया था। लेकिन सम्राट चौधरी अब इस बंगले में नहीं जाना चाहते।
5, सर्कुलर रोड वाले बंगले का इतिहास कुछ ऐसा रहा है कि सम्राट चौधरी को उसमें जाने से डर लग रहा है। इस बंगले की कहानी शुरू होती है 2015 से, जब तेजस्वी यादव पहली बार नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम बने थे। तेजस्वी यादव ने इस बंगले को बहुत अच्छे से सजाया-संवारा था और यहीं रहते थे। उसी समय से यह बंगला डिप्टी सीएम का बंगला कहलाने लगा।
5, सर्कुलर रोड वाले इस डिप्टी सीएम आवास की कहानी कुछ अजीब ही रही है। कहते हैं कि जो भी इस बंगले में रहा, उसकी कुर्सी चली गई। इसकी फेहरिस्त भी काफी लंबी है।
2015 में डिप्टी सीएम बनने वाले तेजस्वी यादव की कुर्सी 2017 में चली गई।
2017 में डिप्टी सीएम पद से हटने के बाद भी तेजस्वी यादव ये बंगला नहीं छोड़ना चाहते थे।
मामला कोर्ट तक गया और आखिरकार तेजस्वी यादव को बंगला छोड़ना पड़ा।
बिहार सरकार ने फिर इस बंगले को उस समय के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को दे दिया।
सुशील कुमार मोदी पर भी इस बंगले का साया पड़ा, फिर से वो डिप्टी सीएम नहीं बन पाए।
2020 में जेडीयू-बीजेपी की सरकार फिर से बनी, लेकिन इस बार सुशील कुमार मोदी सरकार से बाहर कर दिए गए।
2020 में तारकिशोर प्रसाद डिप्टी सीएम बने और उन्हें ये बंगला आवंटित कर दिया गया।
तारकिशोर प्रसाद इस बंगले में रहने चले गए, लेकिन दुर्भाग्य उनके पीछे भी लग गया।
2022 में तारकिशोर प्रसाद की कुर्सी भी चली गई, नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया
तारकिशोर प्रसाद डिप्टी सीएम से सीधे विधायक बनकर रह गए।
2022 में नीतीश कुमार ने जब आरजेडी के साथ सरकार बनाई, तो तेजस्वी यादव एक बार फिर डिप्टी सीएम बन गए।
एक बार फिर उन्हें 5, सर्कुलर रोड वाला डिप्टी सीएम का बंगला मिल गया।
इस बार 17 महीने में ही तेजस्वी यादव कुर्सी फिर चली गई।जनवरी 2024 में नीतीश कुमार ने फिर पाला बदल लिया और तेजस्वी को कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।
अब जनवरी 2024 में जब नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई, तो सम्राट चौधरी को ये बंगला आवंटित कर दिया गया। लेकिन सरकार ने इस बंगले को तेजस्वी यादव से खाली कराने की कोई कोशिश नहीं की। अभी तक ये बंगला तेजस्वी यादव के पास ही है। तेजस्वी यादव को अब नेता प्रतिपक्ष के लिए तय 1, पोलो रोड वाला बंगला मिलना है।
1, पोलो रोड वाले बंगले में दूसरे डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा रह रहे थे। उन्होंने पिछले महीने ही यह बंगला खाली किया है और दूसरे बंगले में शिफ्ट हो गए हैं। अब तेजस्वी यादव को उस बंगले में जाना था। तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम वाला बंगला खाली करके अपने नए आवास में जाने को तैयार थे। लेकिन अब सम्राट चौधरी ने डिप्टी सीएम वाले बंगले में जाने से ही मना कर दिया है।
अपनी कुर्सी जाने का डर सम्राट चौधरी को इतना है कि उन्होंने अपने लिए दूसरा बंगला ले लिया है। राज्य सरकार ने उन्हें 7, स्ट्रैंड रोड वाला आवास आवंटित किया है।

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