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पूर्वी दिल्ली के नई बिल्डिंग से कोर्ट पर दबाव होगा कम

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आदित्य शर्मा
नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूढ़ ने पूर्वी दिल्ली के कड़कड़डूमा इलाके में मंगलवार को तीन नई कोर्ट बिल्डिंग के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया और इन में एक बिल्डिंग मौजूदा कड़कड़डूमा कोर्ट कांम्पलेक्स के सामने स्थित जमीन पर, दूसरी उत्तर पूर्वी जिले के शास्त्री पार्क में और तीसरी रोहिणी सेक्टर-26 स्थित जमीन पर बनेगी। इन तीनों बिल्डिंगों की प्लानिंग से लेकर निर्माण कार्य को पूरा कराने तक का कामकाज देख रहे लोक निर्माण विभाग ज्यूडिशियरी डिवीजन-3 के कार्यपालक अभियंता (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर) रोबिन पुंजनाथिया ने नई कोर्ट बिल्डिंग के निर्माण से जुड़ी कई और जानकारियां दी।

 

तीनों बिल्डिंगों को मिलाकर बनेंगे 200 कोर्ट रूम

 

कड़कड़डूमा में बनने वाली बिल्डिंग में 50 कोर्ट रूम बनेंगे और वकीलों के काम करने के लिए यहां पर कॉमन डेस्क होगी। इस बिल्डिंग में दो बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और आठ फ्लोर ऊपर बनेंगे. इसके अलावा जजों के पांच चैंबर भी बनाए जाएंगे. शास्त्री पार्क में दो बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और आठ फ्लोर ऊपर बनाए जाएंगे। इस तरह से कुल 11 फ्लोर की यह बिल्डिंग हो जाएगी। जबकि, रोहिणी में एक बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और 10 फ्लोर ऊपर बनाए जाएंगे। इस तरह इस बिल्डिंग में कुल 12 फ्लोर होंगे और इसमें 102 कोर्ट रूम, 102 जज चैंबर और 362 लॉयर्स चैंबर बनाए जाएंगे। इस तरह तीनों बिल्डिंगों को मिलाकर 200 कोर्ट रूम बनेंगे। इस पर 1100 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

 

कड़कड़डूमा कोर्ट कांम्पलेक्स पर दबाव होगा कम

 

काफी समय से शाहदरा, पूर्वी और उत्तर पूर्वी जिले की जिला अदालतें एक ही कोर्ट कांम्पलेक्स कड़कड़डूमा में संचालित हैं, जिससे यहां काम का काफी दबाव रहता है और जगह की भी कमी महसूस होती है। दोनों नई इमारतें बनने के बाद उत्तर-पूर्वी और पूर्वी जिले के कोर्ट उनमें शिफ्ट होंगे और मौजूदा कड़कड़डूमा कोर्ट कांम्पलेक्स में शाहदरा जिले के कोर्ट संचालित होंगे। जबकि रोहिणी में नया कोर्ट कांम्प्लेक्स बनने से अभी सेक्टर 14 में चल रहे कोर्ट कांम्प्लेक्स में भीड़-भाड़ कम होगी और जजों और कोर्ट की संख्या बढ़ने से काम का दबाव कम होगा।

 

यह सिर्फ नए कोर्ट रूम नहीं न्याय के वादे को पूरा करने का प्रयास

 

शिलान्यास कार्यक्रम के अवसर पर दिल्ली की कानून मंत्री आतिशी ने कहा कि जनवरी में हुई एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमेटी की बैठक में 1100 करोड़ रुपये की लागत से ये तीनों नई बिल्डिंगें बनाने का काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीनों में हमें यहां दीवारें, खिड़कियां, कमरे बनते दिखाई देने लगेंगे। लेकिन इस देश के लोगों के लिए यह सिर्फ दीवारें और कमरे नहीं होंगे, ये इमारतें उनकी भारतीय संविधान पर भरोसे और न्याय की उम्मीद का प्रतिनिधित्व करेंगी।

 

10 साल में न्यायालयों के लिए चार गुना बढ़ा बजट आवंटन

 

आतिशी ने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले साल 2014-15 में न्यायालयों के लिए कुल बजटीय आवंटन 760 करोड़ रुपये था। लेकिन, हमने इस आवंटन में लगातार वृद्धि की और 2024-25 तक यह 4 गुना तक बढ़कर 3000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा 2015 से दिल्ली के जुडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर में किए विस्तारों को साझा करते हुए कानून मंत्री आतिशी ने बताया कि इससे पहले 60 कोर्ट रूम के कॉम्प्लेक्स राउज़ एवेन्यू कोर्ट का उद्घाटन 2019 में किया गया था। इसके साथ ही साकेत, तीस हजारी और कड़कड़डूमा कोर्ट परिसरों में 144 कोर्ट रूम भी जोड़े गए थे. इसके अलावा दिल्ली उच्च न्यायालय के एस-ब्लॉक का निर्माण और पुनर्विकास भी किया गया।

 

इन सुविधाओं से लैस होंगे नए कोर्ट परिसर

 

इन तीनों प्रोजेक्ट में जज़ों, वकीलों और नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं भी तैयार की जाएगी, साथ ही ये परिसर सोलर पैनल, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, ई-कोर्ट की सुविधा, मल्टी पर्पस हॉल आदि से भी लैस रहेंगे। साथ ही इन्हें इस तरीके से बनाया जाएगा कि पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे और ये परिसर पूरी तरह ग्रीन परिसर के रूप में जाने जाएंगे।