The News15

दो शादी कर चुकी मुखिया ने वार्ड सचिव से किया तीसरा विवाह, ग्रामीण बोले- पंचायत का विकास ठप हो गया

Spread the love

 मधेपुरा। मधेपुरा जिले के बिहारीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत शेखपुरा पंचायत की वर्तमान मुखिया सुनीता देवी ने अपने ही वार्ड के सचिव से तीसरी शादी कर ली। इसको लेकर शेखपुरा स्थित युवक के घर पर हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। मुखिया सुनीता देवी का गांव के ही वार्ड-10 निवासी शशिभूषण मेहता के 25 वर्षीय बेटे नवीन कुमार के साथ करीब दो वर्ष से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। करीब एक सप्ताह पहले वे दोनों घर से फरार हो गए। 30 अगस्त को उदाकिशुनगंज में दोनों ने सहमति से नोटरी पब्लिक के समक्ष शादी कर ली। शादी के गांव पहुंचते ही लोगों ने विरोध करना शुरू दिया। लोगों का कहना था कि मुखिया तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें, उन्हें ऐसी मुखिया नहीं चाहिए, जो पूरे समाज को कलंकित कर दें। मौके पर पहुंचे बिहारीगंज थानाध्यक्ष अमित रंजन एवं सीओ अविनाश कुमार ने मुखिया के तीसरे पति को गिरफ्तार कर लिया।
मुखिया सुनीता देवी की मां जंगली देवी ने बताया कि उनकी पुत्री की पहली शादी वर्ष 2013 में पूर्णिया जिला के बेलापेमो में एक स्वजातीय युवक से हुआ था। कुछ दिन बाद वह मायके आ गई, उसके बाद फिर वापस अपने ससुराल नहीं गई। 2014 में शेखपुरा गांव के ही रामधीन साह के पुत्र संजय साह से उन्होंने प्रेम विवाह किया। जिसमें दो बेटा भी है। उन्होंने बताया कि 2021 में मुखिया का चुनाव जीतने के बाद सुनीता देवी का संपर्क वार्ड-8 के वार्ड सचिव नवीन कुमार से हुआ। इस दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगी। 30 अगस्त को वह अपने पति और एक बच्चे को छोड़ कर प्रेमी संग फरार हो गई।
ग्रामीणों ने कहा कि विगत करीब ढाई साल से पंचायत में विकास कार्य नहीं के बराबर किया गया। ऊपर से इस तरह के कार्य से विकास तो ठप हो ही गया। साथ ही समाज में इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोगों ने मुखिया को पद से मुक्त करने की मांग की है।
मुखिया सुनीता देवी ने कहा कि मेरे पति द्वारा मुझे बार-बार मारपीट किया जाता था। प्रताड़ित कर घर से बाहर निकाल दिया जाता था। इसलिए मैंने अपनी मर्जी से इस युवक से शादी की है। अब मैं इसी के साथ रहूंगी। वहीं मुखिया के पूर्व पति संजय साह ने कहा कि मैंने अपनी पत्नी को कभी भी मारपीट नहीं किया है। लेकिन, उस लड़के से बातचीत करने को मना करने पर कहासुनी हो जाती थी। पंचायत के विकास कार्य में भी सहयोग नहीं करती थी।