
ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय व्यापार धोखाधड़ी मामले में ईओडब्लू (दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा) ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय व्यापार फर्जीवाड़ा के मास्टरमाइंड मुकेश गुप्ता को गिरफ्तार किया है बताया जा रहा है कि मुकेश गुप्ता सिंगापुर की कंपनी एमरोज़ सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड का प्रबंध निदेशक है। जिस पर फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए भारतीय बैंक से करीब 10 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। बता दे कि मुकेश गुप्ता गुजरात के कच्छ जिले का निवासी है और सिंगापुर का नागरिक होने के साथ-साथ ओसीआई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्डधारक भी है।
एडिशनल डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने बताया है कि दिल्ली की चौधरी टिम्बर इंडस्ट्रीज प्रा. लि. नामक कंपनी ने मुकेश गुप्ता की कंपनी के साथ न्यूज़ीलैंड से टिम्बर आयात करने का करार किया था और इसके लिए भारतीय बैंक, सिंगापुर शाखा के माध्यम से लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) के जरिए भुगतान किया गया था। लेकिन बाद में सामने आया कि जो बिल ऑफ लैडिंग (बीएज) और अन्य शिपिंग दस्तावेज जमा किए गए थे, वे पूरी तरह फर्जी थे। इन फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर बैंक ने करीब 10 करोड़ रुपए जारी कर दिए, जबकि वास्तव में कोई सामान भारत भेजा ही नहीं गया था।
जाने, आरोपी मुकेश गुप्ता के बारे में
बता दे कि मुकेश गुप्ता उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्मा और 1978 में बी.कॉम किया। बाद में वे गुजरात में बस गया और लकड़ी के व्यापार में उतरा और उसने कई कंपनियों की स्थापना की और 2003 में एमरोज़ सिंगापुर प्रा.लि. बनाया, जो दुनियाभर के 20 से ज्यादा देशों में कारोबार करता था और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा इस मामले की आगे भी जांच कर रही है।
22 अप्रैल 2025 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया
डीसीपी ने बताया कि कई बार बुलाने पर भी आरोपी जांच में नहीं आ रहा था और जिसके बाद 22 अप्रैल 2025 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। कोर्ट ने पहले एक दिन की पुलिस रिमांड दी, फिर 14 मई 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तारी की सूचना सिंगापुर के उच्चायोग को भी भेजी गई है और आरोपी ने शिपिंग कंपनी, एजेंट और इंश्योरेंस कंपनी के नाम और मुहर का दुरुपयोग किया है। फर्जी बिल ऑफ लैडिंग और अन्य दस्तावेज बनाकर बैंक को दिए गए ताकि वह बिना माल भेजे पैसे वसूल सके।