लालू प्रसाद के ‘कच्चे चने’ का जादू, राहुल गांधी हुए ‘चुप’!

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 बिहार में कांग्रेस का क्या होगा खेल?

दीपक कुमार तिवारी

पटना। राहुल गांधी पटना आए तो लालू यादव से बिगड़ी बात बना गए। लालू और तेजस्वी की तरकीब काम आई। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की बोलती राहुल गांधी ने बंद कर दी। यह लालू यादव के उस कच्चे चने और चूड़ा का कमाल है, जो उन्होंने राहुल को राबड़ी आवास आने पर खिलाया। इसे दूसरे अर्थों में कहें तो लालू ने यह बता दिया कि उनके कच्चे चने में इतनी ताकत है तो पके चने चबाने पर क्या होगा!
ममता बनर्जी ने जब इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व पर सवाल उठाए और खुद नेतृत्व संभालने की इच्छा जताई तो लालू यादव ने गांधी परिवार से रिश्तों की परवाह किए बगैर ममता का समर्थन कर दिया। बची कसर लालू के बेटे और महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने पूरी कर दी। तेजस्वी ने तो इंडिया ब्लॉक का अस्तित्व ही समाप्त बता दिया। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक सिर्फ लोकसभा चुनाव तक ही था। इस तल्खी के बावजूद पटना आने पर राहुल उनके घर जाने का लोभ संवरण नहीं कर सके।
लालू यादव से राहुल गांधी की मुलाकात में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सीटों के बारे में चर्चा हुई। प्रदेश कांग्रेस के नेता कुछ दिनों से पिछली बार की तरह ही 70 सीटें इस बार भी मांग रहे थे। उन्हें शायद इस बात की भनक थी कि आरजेडी उसकी सीटों में कटौती करने की तैयारी में है। पिछली बार कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी और सिर्फ 19 ही जीत पाई थी। आरजेडी का मानना है कि कांग्रेस की सीटें कम कर उसने खुद अपने उम्मीदवार उतारे होते तो तेजस्वी सीएम जरूर बन जाते। दर्जन भर सीटों की कमी से तेजस्वी सीएम बनने से चूक गए।
लालू से मुलाकात के बाद राहुल ने कांग्रेस के प्रदेश नेताओं को सीटों के लिए ऊधम मचाने से मना कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया है कि ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे। लालू यादव से हर हाल में दोस्ती बरकरार रहेगी। यानी आरजेडी जितनी सीटें दे, उसे स्वीकार करना होगा। जानकार बताते हैं कि आरजेडी इस बार कांग्रेस को 30-35 सीटों से अधिक नहीं देगा। कांग्रेस की काटी गई सीटों में कुछ वाम दलों को जाएगी और ज्यादातर पर आरजेडी खुद अपने उम्मीदवार उतारेगा।

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