प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल और वीर यौद्धा लाचित बोड़फुकन की ४००वीं जयंती पर दिल्ली के एक कार्यक्रम को संबोधित किया। विज्ञान भवन में आयोजित लाचित बोड़फुकन की जयंती समापन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास यौद्धाओं और विजय का इतिहास है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने वीर लचित की 400 वीं जंयती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि आज भारत अपनी संस्कृति के ऐतिहासिक नायक-नायिकाओं को गर्व से याद कर रहा है। लचित जैसी मां भारती की अमर संतानें अरविरल प्रेरणा हैं। मैं इस पुण्य अवसर पर लचित को नमन करता हूं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि लचित जैसा साहस और निडरता ही असम की पहचान है। उन्होंने काह कि अगर कोई तलवार के जोर पर हमें झुकाना चाहता है। हमारी पहचान को बदलना चाहता है तो हमें उसका जवाब देना आता है। पूवार्ेत्तर की धरती इसकी गवाह रही है। वीर लचित ने वीरता और साहस दिखाया तो मातृभूमि के लिए अगाध प्रेम की पराकाष्ठा थी। लचित जैसा साहस और निडरता ही असम की पहचान है।
पीएम मोदी ने भारत के इतिहास का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का इतिहास नहीं है। ये यौद्धाओं का इतिहास है। भारत का इतिहास जय का है वीरता का है। बलिदान का है। महान परंपरा का है। आजादी के बाद भी हमें वही इतिहास पढ़ाया गया, जिसको गुलामी के कालखंड में साजिशन रचा गया। आजादी के बाद आवश्यकता थी कि गुलामी के एजेंडे को बदला जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दरअसल 24 नवम्बर को लचित दिवस मनाया जाता है।
पीएम मोदी ने परिवारवाद पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लचित का जीवन हमें प्रेरणा देता है कि हम व्यक्तिगत स्वार्थांे को नहीं देश की हित को प्राथमिकता दें। उनका जीवन प्रेरणा देता है कि हम परिवारवाद से ऊपर उठकर देश के बारे में साचें।