लोगों पर हावी हो रही है कन्फ़्यूज़न की जिंदगी !

डॉ कल्पना ‘नवग्रह’

बात मंच की है या मन की, बहुत ही कंफ्यूजन है। बात तहज़ीब- संस्कार की है या पर्दे की ओट में पिछड़ेपन की । बात रंग की हैं या रंग के नाम पर वर्ग भेद की । बात चाहे लैपटॉप की हो, स्कूटी की हो, 300 यूनिट फ्री बिज GVली की हो, मंदिर की हो, या फिर नारी सशक्तिकरण की।
मंचों की अदाकारी देखते ही बनती है । मीडिया का अपनी-अपनी पार्टियों की ओर झुकाव , जैसे बिकाऊ  माल की ऑनलाइन सप्लाई चल रही है।  चुनावी ज़ंग में ज़हीन से ज़हीन लोगों के दिमाग की नसें फटती चली जा रही हैं।
मंदिर -मस्जिद, भगवा -बुर्का ये क्या हो रहा है?  क्यों हमारी बुनियाद इतनी कमज़ोर है कि हम ढोंग- पाखंड को पहचान नहीं पा रहे। सोचने- समझने ,बुद्धि -विवेक, चिंतन- मनन सभी को भूल, मूर्खताओं की हदें पार किए जा रहे हैं। जितनी भी राजनीतिक पार्टियां हैं, एक बात तो तय है यह किसी की सगी नहीं। इन्हें सिर्फ़ अपना उल्लू सीधा करना है। इन्हें सिर्फ़ मुद्दे उछाल कर अपने लिए हवा बनानी है। इन्हें बच्चों के भविष्य से कोई मतलब नहीं ।भड़काऊ बयानबाज़ी देकर माहौल को अपने फेवर में करना है। धर्म एक ऐसा मुद्दा है जिसकी आड़ में आंखों पर पट्टी बंध जाती है, सच्चाई दिखाई नहीं देती।
बेरोज़गार युवक-युवतियों को रोज़गार देने के नए-नए हथकंडे परमानेंट नहीं हैं। पढ़ने -लिखने वाले बच्चों को शिक्षा के मूल आदर्श देखने चाहिए कि क्या उनका बौद्धिक विकास किसी कपड़े से बाधित हो रहा है ?  क्या उनके विचारों की स्वतंत्रता गुलाम तो  बन रही है? या फिर उनके रीति- रिवाज़ उन्हें आगे बढ़ने से रोक रहे हैं? लोग ज़मीन को छोड़ आसमान भेद रहे हैं। धरती पर राज करने वाले दूसरे ग्रहों का पता लगा रहे हैं उनको अपने अधिकार में कर लेना चाहते हैं। पर यहां धरती पर आप ख़ुद को पीछे कर रहे हैं। हमारे यहां, बच्चों को मात्र बरगलाने के अलावा लोगों को कोई और काम नहीं।  उन्हें ख़ुद आगे नहीं बढ़ना , पिछड़ा बनकर अंधभक्तों की तरह, अपनी भलाई को ताक पर रख, आज के बच्चों को बहकावे में न भेजें बहाएं। बच्चे विकास के लिए ज्ञान रूपी यंत्र का इस्तेमाल भली-भांति करें।
कोई साथ नहीं देगा । व्यक्तिगत हो या सार्वजनिक, हर जगह विचार ख़ुद ही करना है। सोचना -समझना, आंतरिक बुद्धि का काम है । जब बुद्धि वस्त्रों में ही जकड़ी रहेगी तो बौद्धिक स्तर कैसे बढ़ेगा? अपरिपक्व बच्चों को धर्मांधता की आड़ में, अपने हितों को साधने के साथ-साथ, उन्हीं के हाथों उनके विकास के सारे रास्तों को बंद कराना, बड़ी ही सोची- समझी तरकीब है । महिलाओं को, बच्चियों को , छात्रों को ख़ुद निर्णय लेना होगा । क्या पुरुषों से कंधा मिलाकर चलने का अभी तक उनका समय नहीं आया ? इतिहास गवाह है स्त्रियां बौद्धिक स्तर पर शास्त्रार्थ कर पुरुषों को पराजित कर चुकी हैं। अपनी सीमाओं के लिए प्राण गंवा चुकी हैं, प्रेम के लिए निछावर हो चुकी हैं , देश पर राज कर चुकी हैं शासन चला चुकी हैं।  इसके बावजूद क्या फ़िर से उन्हें अपने को पीछे ले जाने की ज़रूरत आन पड़ी है?  विचारों की स्वतंत्रता, संस्कार रीति -रिवाज़ में सामंजस्य बिठाना सहूलियतों का नाम है ।दीवार खड़ी करके अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना और स्त्री समाज के विकास को रोकना एक भयावह जुर्म है।
चेतना को जागृत करना होगा। अपनी अस्मिता की पहचान समझनी होगी ।आला- आका हमारी पैरवी नहीं कर रहे हैं । ख़ुद के लिए ज़मीन तैयार कर रहे हैं । अपने कामों के लिए हमारी बलि चढ़ाने की मंसूबे बना रहे। सावधान होना होगा खतरनाक मंसूबों को भांपना होगा।
ज्ञान की शाला में तपकर ही निखर पाओगे। गुरु, विद्यालय और अनुशासन के साथ अपनी आत्मा को जागृत रखना होगा। सत्य के साथ विकास के लिए लड़ो। स्त्रियों को सारे धर्म पीछे धकेलना चाहते हैं । क्यों नारी शक्ति अपने ऊपर अनावश्यक मुद्दों को तरजीह देना चाहती है?  एक व्यक्ति शिक्षित हो तो शिक्षा के विकासदर में ज़्यादा इज़ाफ़ा नहीं होता , लेकिन एक महिला शिक्षित हो तो एक परिवार की कायाकल्प हो जाती है।
जागो  भावनाओं में बहकर अपनी सीमाएं मत बांधो। विवेकपूर्ण निर्णय लेना ज़रूरी है। व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में कुछ अंतर तो बना कर रखना ही पड़ता है। शिक्षा  ज्ञान का धाम है । ज्ञान को को चहुं ओर से आने दो ।विद्यालय में गुरु के अनुसार अनुशासित जीवन अपने आप को तपाकर अपने व्यक्तित्व को निखारो । शिक्षा के प्रांगण में अनुशासन अपरिहार्य है। उसे धर्म से जोड़कर अपने को कतई पीछे मत धकेलो । किसी को यह मौका मत दो कि हमारे ऊपर निर्णय लेने का अधिकार हमसे छीन लें।

Related Posts

सीजफायर के बाद होने लगी मोदी की इंदिरा गांधी से तुलना! 

चरण सिंह  सीज फायर होने के बाद दो…

Continue reading
युद्धविराम के पीछे का सच

डॉ. सत्यवान सौरभ युद्धविराम पर चर्चा से पहले…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

कोहली का टेस्ट संन्यास : क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक

  • By TN15
  • May 12, 2025
कोहली का टेस्ट संन्यास : क्रिकेट के सबसे महान अध्यायों में से एक

किसी भी सूरत में आतंकवाद को नहीं किया जाएगा सहन : मंत्री रणबीर गंगवा

  • By TN15
  • May 12, 2025
किसी भी सूरत में आतंकवाद को नहीं किया जाएगा सहन : मंत्री रणबीर गंगवा

निर्माणाधीन करनाल रिंग रोड पर इंटर चेंज मार्ग बनाये जाने की मांग को लेकर डी सी को सौंपा ज्ञापन

  • By TN15
  • May 12, 2025
निर्माणाधीन करनाल रिंग रोड पर इंटर चेंज मार्ग बनाये जाने की मांग को लेकर डी सी को सौंपा ज्ञापन

सीजेएम इरम हसन ने सेफ हाऊस का किया निरीक्षण, सुविधाओं का लिया जायजा

  • By TN15
  • May 12, 2025
सीजेएम इरम हसन ने सेफ हाऊस का किया निरीक्षण, सुविधाओं का लिया जायजा

भारत विकास परिषद् सूरज शाखा करनाल की वर्ष 2025-2026 संवत् 2082 की नई कार्यकारिणी का दायित्व ग्रहण समारोह करनाल क्लब में विधिवत रूप से सम्पन्न

  • By TN15
  • May 12, 2025
भारत विकास परिषद् सूरज शाखा करनाल की वर्ष 2025-2026 संवत् 2082 की नई कार्यकारिणी का दायित्व ग्रहण समारोह करनाल क्लब में विधिवत रूप से सम्पन्न

युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए

  • By TN15
  • May 12, 2025
युद्ध नहीं, बुद्ध चाहिए