राजगीर-कोडरमा रेल रूट पर सफर होगा बेहद शानदार

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 पहाड़ों के बीच सुरंगों से होते हुए जंगलों से होकर दौड़ेगी ट्रेन

दीपक कुमार तिवारी

पटना। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपुर राजगीर से कोडरमा भाया तिलैया रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बहुत जल्द शुरू होने वाला है। हालांकि, इसके लिए कुछ महीनों का इंतजार करना पड़ सकता है। तारीख बहुत करीब आ गई है। इस रेल खंड पर चलने वाले काम में तेजी आ गई है। यात्रियों को बहुत जल्द ये सुखद सूचना मिलेगी कि इस रूट पर ट्रेन का परिचालन शुरू हो गया है।

राजगीर से तिलैया तक की दूरी महज 46 किलोमीटर है। राजगीर से तिलैया तक ट्रेनों का आवागमन वर्षों पहले से शुरू है। तिलैया से खरौंध तक कुल 24 किलोमीटर वाले रूट का निर्माण कई साल पहले हो चुका है। उसका सीआरएस और स्पीडी ट्रायल भी पूर्व में ही पूरा किया जा चुका है। राजगीर-कोडरमा रेलखंड पर परिचालन मार्च, 2025 में शुरू हो जाएगा।

जानकारी के मुताबिक राजगीर-कोडरमा रेल खंड पर काम तेजी से जारी है। धनबाद रेल मंडल की ओर से दी गई जानकारी की मानें, तो कोडरमा से झराही रेलवे स्टेशन तक कुल 17 किलोमीटर रेलवे ट्रैक के निर्माण का काम पूरा हो चुका है। घने जंगलों और पहाड़ों की खूबसूरती के बीच से गुजरते इस रेल खंड में 23 किलोमीटर का काम अभी भी निर्माणाधीन है। काम पूरा नहीं हुआ है। उसे पूरा करने की कोशिश चल रही है।

रेलवे की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक खरौंद से झराही रेलवे स्टेशन के बीच लगभग 10 किलोमीटर तक ट्रैक बनाने का काम पूरा कर लिया गया है।ट्रेन सुरंग से गुजरती है, तो उसका एक अपना मजा होता है। सुरंग के अंदर गुजरती ट्रेन और दोनों तरफ पहाड़ और जंगल। एक शानदार नजारा यात्रियों को देखने को मिलता है।

खरौंध रेलवे स्टेशन से जमूंदाहा स्टेशन के बीच कुल 15 किलोमीटर तक का काम अभी नहीं हुआ है। इसमें साढ़े तीन-तीन मीटर के दो सुरंग और 2.55 मीटर के एक और 2.20 मीटर का एक दूसरा सुरंग बनना है। कुल साढ़े तीन मीटर के सुरंग के निर्माण का कार्य पूरा किया जा चुका है। कुल मिलाकर 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दो अन्य सुरंगों के निर्माण में तेजी लाई जा रही है। इसके अलावा इस रूट पर कई ब्रिज का निर्माण कार्य भी जारी है। इस रूट से गुजरती ट्रेन में सफर करने का अपना एक अलग मजा होगा।

रेलवे की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 7 बड़े पुलों के निर्माण का काम चल रहा है। उसे दिसंबर, 2024 तक पूरा कर लेने का वक्त निर्धारित किया गया है। रेलवे के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि जिस गति से काम चल रहा है, उसके हिसाब से मार्च, 2025 तक इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। राजगीर-कोडरमा भाया तिलैया रेलखंड पर गाड़ियां दौड़ने लगेंगी। यात्री अपना सफर तय कर सकते हैं। ध्यान रहे कि राजगीर-कोडरमा भाया तिलैया रेलखंड को 2004 में मंजूरी मिली थी। निर्माण में देरी का कारण भूमि अधिग्रहण और किसानों से विवाद और मुआवजे का भुगतान रहा।
उसके बाद जाकर इस रेल खंड के लिए एनओसी मिला।

ध्यान रहे कि इस रेल खंड पर खरौंध-झराही और जमूंदाहा रेलवे स्टेशन तक वन क्षेत्र फैला हुआ है। वन विभाग से एनओसी मिलने में भी देरी हुई। उसके बाद इसका निर्माण कार्य काफी दिनों तक लटका रहा। बिहार झारखंड के बीच रेल कनेक्टिविटी का ड्यूरेशन काफी कम हो जाएगा।

नालंदा, पटना और बख्तियारपुर के अलावा कोडरमा और रांची तक आना-जाना यात्रियों के लिए आसान हो जाएगा। बिहार के नालंदा, शेखपुरा और नवादा के साथ गया जिले के लोगों को काफी फायदा होगा। झारखंड से जुड़े बिहार के व्यवसायियों के लिए ये रेलखंड एक वरदान साबित होगा। यात्री इस दौरान राजगीर, नालंदा, पावापुरी, ककोलत का आनंद ले सकेंगे। पश्चिम बंगाल से आने वाले यात्रियों को काफी सुविधा होगी। प्राकृतिक सौंदर्य, जंगलों और पहाड़ों के बीच से होकर गुजरती ट्रेन यात्रियों के लिए यादगार सफर का कारण बनेगी।

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