राम मंदिर निर्माण के नायक को क्यों नहीं बुलाया जा रहा उद्घाटन समारोह में ? लाल कृष्ण आडवाणी क्यों नहीं जा सकते राम मंदिर उद्घाटन समारोह में ? विपक्ष के कौन कौन से नेता बढ़ाएंगे राम मंदिर उद्घाटन समारोह की शोभा ? क्या लाल कृष्ण आडवाणी का रथ रोकने वाला नेता भी जाएगा अयोध्या के इस कार्यक्रम में? क्या सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जाएंगे उद्घाटन समारोह में ? राम मंदिर निर्माण में किसका है सबसे बड़ा योगदान ?
यह अपने आप में दिलचस्प है कि राम मंदिर निर्माण के नायक लाल कृष्ण आडवाणी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं। लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला है। बाकायदा राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने लाल कृष्ण आडवाणी और राम मनोहर लाल जोशी को समारोह से दूरी बनाने के लिए कहा है ? इन नेताओं को निमंत्रण न देने की वजह उनका बिगड़ता स्वास्थ्य बताया जा रहा है।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्वास्थ्य भी तो खराब है पर उन्हें तो निमंत्रण भेजा गया है। दरअसल विपक्ष के नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उद्घाटन में आने का मौका मिला है। इतना ही नहीं विपक्ष के सभी दलों के मुखिया को निमंत्रण भेजा गया है। नेता, अभिनेता, वैज्ञानिक, साहित्यकार, व्यावसायी सब राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होंगे। यदि कोई शामिल नहीं होगा तो वह राम मंदिर निर्माण का नायक है।
दरअसल वह लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा ही थी, जिसके बल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। १९८९ में जब जनता दल की सरकार बनी और वीपी सिंह देश के प्रधानमंत्री बने थे। यह वह समय था जब प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल को डाउन करने के लिए मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू कर दी थी। मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू होते ही देश में आरक्षण विरोधी आंदोलन शुरू हो गया। उस समय राम मंदिर आंदोलन और आरक्षण विरोधी आंदोलन को बीजेपी और हिन्दू संगठनों का समर्थन प्राप्त था। यही वह दौर था जब जब बीजेपी फर्श से अर्स पर पहुंची थी। कह सकते हैं कि बीजेपी में यह दौर लाल कृष्ण आडवाणी का था।
भले ही बीजेपी का चेहरा अटल बिहारी वाजपेयी रहे हैं पर वह लाल कृष्ण आडवाणी ही थे जो रथ यात्रा के माध्यम से बीजेपी बहुत आगे ले आये थे। आज भले ही नरेन्द्र मोदी प्रचंड बहुमत के साथ अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हों पर नरेंद्र मोदी को भी बनाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी ही हंै। २००२ में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तो गोधरा कांड में नरेंद्र मोदी को निपटाने वाले थे वह लाल कृष्ण आडवाणी ही थे जिन्होंने नरेंद्र मोदी का बचाव किया था। और अब जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं तो मंदिर निर्माण आंदोलन के इस नायक को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में भी नहीं बुलाया जा रहा है।
दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। इससे पहले देश के विभिन्न क्षेत्रों को दिग्गजों को निमंत्रण भेजा जा चुका है।
सूत्रों ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उन्हें निमंत्रण भेजा है लेकिन कांग्रेस के इन वरिष्ठ नेताओं के समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि खड़गे, गांधी और चौधरी को व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण भेजा गया है तथा पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एच डी देवेगौड़ा को भी समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि ट्रस्ट से जुड़े लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ये निमंत्रण दिए और आगामी दिनों में अन्य विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण भेजे जाने की संभावना है। ट्रस्ट ने बताया कि विभिन्न परंपराओं के श्रद्धेय संतों के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में देश का सम्मान बढ़ाने वाले सभी प्रमुख व्यक्तियों को निमंत्रण दिया गया है।
ट्रस्ट ने कहा है कि नए तीर्थक्षेत्र पुरम में एक ‘टेंट सिटी’ स्थापित की गई है जिसमें छह ट्यूबवेल, छह रसोई घर और 10 बिस्तरों वाला एक अस्पताल बनाया गया है। देश भर से लगभग 150 चिकित्सक इस अस्पताल में बारी-बारी से अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए सहमत हुए हैं। ट्रस्ट ने कहा है कि समारोह में भाग लेने के लिए विभिन्न संप्रदायों के लगभग 4,000 संतों को आमंत्रित किया गया है।
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी तेज से चल रही है। इस प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ श्रेत्र के ओर से देश के कई बड़े नेताओं को निमंत्रण भेजा जा रहा है। फिल्म कलाकारों, वैज्ञानिकों, खिलाड़ियों और कई बड़े उद्योगपत्तियों को ये निमंत्रण भेजा जा चुका है।