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देश में भूला दिया आज़ाद हिन्द फौज के संस्थापक सदस्य सरदार मोहन सिंह को 

आज़ाद हिन्द फौज
द न्यूज 15 

नई दिल्ली। आज की तारीख में जिस तरह से राजनीतिक दल देश और समाज की जगह वोटबैंक के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। ये लोग यह समझने को तैयार नहीं हैं कि हमें आजादी किस कीमत पर मिली है। बात द्वितीय विश्वयुद्ध की है। सरदार मोहन सिंह जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी के लिए लड़ाई लड़ी थी। युद्ध के बाद हिटलर ने उन्हें इनाम देना चाहा तो सरदार मोहन सिंह ने कहा कि हमें अच्छे से अच्छे हथियार दीजिए, क्योंकि हमें सुभाष चंद्र बोस जी जैसे देशभक्त के साथ अपने देश को आजाद करवाना है।

हिटलर ने फिर उन्हें जो हथियार दिये वही हथियार आजाद हिन्द फौज ने इस्तेमाल किये। ऐसा माना जाता है कि सही मायने में इस लड़ाई में र॔गून में 50 हजार से ज्यादा अंग्रेजी फौज के मारे जाने के बाद ही अंग्रेजों ने भारत छोड़ने का फैसला लिया था। सरदार मोहन सिंह सुभाष चन्द्र बोस के साथ आजाद हिन्द फौज के संस्थापक सदस्य थे। यह देश की गंदी सियासत ही है कि सरदार मोहन सिंह जैसे महान योद्धा का नाम भारत के इतिहास से गायब कर दिया।
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