आशीष मिश्रा
पांडवेश्वर,कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से जागरूकता को लेकर चेस्ट रेडियोग्राफ पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ,जिसमें कोल इंडिया समेत उसकी सभी अनुषंगी कंपनियों के चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया और चेस्ट रेडियोग्राफी की चिकित्सा पद्धति को समझा और इससे होने वाले बीमारियों से निपटने के संबध में जानकारी हासिल किया ,परीक्षण दे रहें चिकित्सको ने बताया की चेस्ट रेडियोग्राफ के आईएलओ वर्गीकरण का उपयोग धूल से संबधित बीमारियों और न्यूमोकोनियोसिस की गंभीरता का आकलन और ग्रेडिंग करने के लिए किया जाता हैं और धूल कण से होने वाले सांस लेने में तकलीफ को लेकर विशेष परीक्षण की जरूरत की है