चरण सिंह
क्या देश में फ्री योजनाओं के नाम पर राजनीति चलेगी ? क्या देश से महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था जैसे जमीनी मुद्दे गौण होकर रह जाएंगे। नेता और जनता के रवैये से तो यही लग रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तो फ्री राशन, फ्री बिजली और फ्री पानी के साथ ही महिलाओं के लिए डीटीसी में फ्री सफर के नाम पर दिल्ली को कब्जाने बैठे हैं। बीजेपी नेता भले ही फ्री योजनाओं का हवाला देते हुए अरविन्द केजरीवाल को घेरते रहे हों पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन देने का दम्भ विभिन्न मंचों से भरते हैं। अब लगभग सभी दल फ्री की रेबड़ी बांटने की बात करते हैं। बिहार में आरजेडी ने लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में केजरीवाल का रास्ता अपनाया है। जी हाँ लोकसभा चुनाव की पहली ‘जंग’ के छह दिन पहले आरजेडी ने परिवर्तन पत्र नाम से घोषणा पत्र जारी किया। इस घोषणापत्र में राष्ट्रीय जनता दल ने बीजेपी को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी के लोकलुभावन वादों पर भरोसा किया है।
आरजेडी के घोषणापत्र को पढ़कर लगता है कि लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव भी मुफ्तखोरी से जनता को लुभाना भी चाहती है। तेजस्वी के घोषणा पत्र के मुताबिक, अगर ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनी तो गैस सिलेंडर मात्र 500 रुपये में देने की बात कही है। यानी सीधे-सीधे 500 रुपये प्रत्येक सिलेंडर पर फायदा। मुफ्तखोरी की स्कीम यही नहीं रुकी। आरजेडी ने दूसरा बड़ा वादा किया कि 200 यूनिट बिजली जनता को फ्री देंगे।
रोजगार को पहले से ही मुद्दा बना चुके पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बिहार में 17 साल बनाम 17 माह के मुद्दा को आवाज दे ही रहे हैं। अब एक नया वादा किया है- एक करोड़ नौकरी देंगे। 30 लाख पद जो खाली हैं, उसे भरेंगे और 70 लाख जॉब क्रिएट कर एक करोड़ जनता को नौकरी देंगे। नौकरी के नाम पर एनडीए ने अग्निवीर के नाम से जो ठगी की है, वह सत्ता में आए तो परिवर्तन करेंगे। सबसे पहले अग्निवीर की बहाली को निरस्त करेंगे। 2014 के पहले जिस तरह से आर्मी में नौकरी मिलती थी, उसी तर्ज पर नौकरी देंगे। रेलवे में भी 2014 के पूर्व जैसे बहाली होती थी, उसी तरह से बहाली प्रक्रिया शुरू होगी। इससे युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही, साथ में रेलवे के कार्यों में गुणवत्ता भी आएगी। तेजस्वी यादव, जगदानंद समेत तमाम आरजेडी नेताओं की मौजूदगी में पेश किए गए आरजेडी के घोषणा पत्र को देखकर एक बात तो साफ है कि वह बीजेपी के लाभार्थी वोटरों को दरकाना चाहती है।
आरजेडी का घोषणा पत्र देखकर यह बात साफ है कि तेजस्वी यादव का फोकस इस बात पर है कि वह किसी भी तरह बीजेपी के नये वोट बैंक को अपने पाले में करें। यही वजह है कि घोषणा पत्र में महिलाओं को सीधे एक लाख रुपये देने, युवाओं को सरकारी नौकरी देने जैसी बातें की गई है। महिलाओं को डायरेक्ट पैसे देने का फायदा मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी उठा चुकी है। शिवराज सिंह चौहान की ‘लाडली बहना’ स्कीम के जरिए महिलाओं के खाते में सीधे पैसे डाले जाते थे। ऐसे में प्रश्न उठता है कि सभी चुनाव लोकलुभावन योजनाओं के नाम जीता जाता रहेगा। जनहित के मुद्दों को लोगों को भूलना पड़ेगा। देखने की बात यह है कि सभी दल आत्मनिर्भरता की बात तो करते हैं पर फ्री की योजनाओं में लोगों को उलझा कर सत्ता हासिल करने में लगे हैं। जिस तरह से केजरीवाल ने बहुत कम समय में फ्री योजनाओं के नाम पर दिल्ली के बाद पंजाब भी कब्ज़ा लिया। ऐसे में अब सभी दल उनका रास्ता अपना रहे हैं। इससे किसी को कोई मतलब नहीं कि फ्री की योजनाओं से देश और समाज पर क्या असर पड़ेगा। क्या फ्री की योजनाओं के चलते देश का एक बड़ा तबका निट्ठल्ला नहीं बन रहा है ?