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बिहार के स्कूल में पढ़ाएंगे इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज के टीचर

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राम नरेश

पटना। बिहार के सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के शिक्षक पढ़ाएंगे। शिक्षा विभाग ने यह फैसला छात्रों को बेहतर शिक्षा देने और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए लिया है। शिक्षकों को रोजाना एक घंटा पढ़ाना होगा और 15 दिनों की रिपोर्ट देनी होगी।

बिहार शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के शिक्षक भी सरकारी स्कूलों में पढ़ाएंगे। विभाग ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। जानकारी के अनुसार, रोस्टर बनाकर हर दिन एक घंटा पढ़ाना होगा।

बिहार शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सभी शिक्षकों को एक रोस्टर के अनुसार प्रतिदिन एक घंटे के लिए सरकारी स्कूलों में पढ़ाना होगा। शिक्षकों को हर 15 दिन में अपने द्वारा पढ़ाए गए विषयों और छात्रों की प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट जमा करनी होगी। जानकारी के अनुसार, यह योजना कक्षा 8वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए है।

बिहार शिक्षा विभाग के अनुसार, इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में पढ़ाने वाले टीचर गणित, विज्ञान, रसायन, भौतिकी और अंग्रेजी विषयों को सरल भाषा में पढ़ाएंगे। सुबह 9 बजे से पहले या शाम 4 बजे के बाद एक घंटे के लिए पढ़ा सकते हैं। यह योजना खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए है। बिहार सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम के तहत हर जिले में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले गए हैं। इन कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के पास अच्छी योग्यता और अनुभव है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। सभी जिलों के कॉलेज प्राचार्य और जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस काम को पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह आदेश खासकर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाने के लिए दिया गया है।