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  • यूपी: लखनऊ में मिले जीका वायरस के दो मामले

    यूपी: लखनऊ में मिले जीका वायरस के दो मामले

    लखनऊ | उत्तर प्रदेश में जीका वायरस अब कानपुर से आगे बढ़ चुका है और राजधानी लखनऊ में इस वायरस के दो मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में चिकित्सा और स्वास्थ्य महानिदेशक, वेद व्रत सिंह ने कहा कि लखनऊ के हुसैनगंज और एलडीए कॉलोनी इलाकों में एक-एक जीका वायरस का मामले सामने आए हैं।

    लखनऊ में दो मामले कानपुर जिले में जीका वायरस के बढ़ते मामलों के बाद सामने आए। कानपुर में जीका के अब तक 105 मामले सामने आए हैं। कन्नौज जिले से एक मामला सामने आया और लखनऊ उत्तर प्रदेश का तीसरा जिला है जहां जीका वायरस के मामले सामने आए है।

    लखनऊ में जीका वायरस के संक्रमितों के नमूनों का परीक्षण यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में किया गया और रिपोर्ट गुरुवार शाम को आई।

    लखनऊ में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के आधिकारिक प्रभारी, के.पी. त्रिपाठी ने कहा, “दोनों मरीज (लखनऊ में) स्थिर हैं और उनमें कोई लक्षण नहीं है। हमने करीबी संपर्को के नमूने लिए हैं और उनके घरों के आसपास फॉगिंग और एंटी-लार्वा स्प्रे करवाए हैं। इससे ज्यादा नमूने लिए जाएंगे।”

    मरीजों में से एक लखनऊ के हुसैनगंज इलाके का रहने वाला 30 वर्षीय व्यक्ति है। दूसरी राज्य की राजधानी में कानपुर रोड पर कृष्णा नगर इलाके की 24 वर्षीय युवती है।

    त्रिपाठी ने कहा, “हमने दोनों संक्रमितों को अलग कर दिया है और उनके परिवार के सदस्यों को भी घर पर रहने के लिए कहा है। 50 मीटर के क्षेत्र में पड़ोसियों को जीका वायरस के खिलाफ निवारक उपायों के बारे में शिक्षित किया गया है। शुक्रवार को, हम 100 मीटर में आने वाले लोगों की जांच करेंगे। क्षेत्र और फॉगिंग रात के दौरान फिर से की जाएगी।”

    उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, जय प्रताप सिंह ने कहा कि जीका वायरस के प्रसार को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई की गई है, इसके फैलने का प्रमुख कारण कानपुर चकेरी एयरबेस कैंप में पाया गया पहला मामला है। प्रभावित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों का भी वायरस पॉजिटिव आया है। अब सर्विलांस के जरिए संवेदनशील समूहों की जांच कर पहचान की जा रही है।

    मुख्य रूप से एडीज इजिप्टी मच्छर द्वारा प्रेषित वायरस के कारण होने वाली एक वेक्टर जनित बीमारी, जीका वायरस के लक्षणों में हल्का बुखार, चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता या सिरदर्द शामिल हैं।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एडीज मच्छर ज्यादातर दिन में काटते हैं। यह वही मच्छर है जो डेंगू और चिकनगुनिया फैलाता है। जीका वायरस का संक्रमण ज्यादातर लोगों में कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन यह गर्भवती महिलाओं और खासकर नवजात बच्चे के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।

    इससे पहले केरल और महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले सामने आए थे।

  • यूपी: कानपुर में जीका वायरस के 16 नए मामले, आंकड़ा 100 के पार

    यूपी: कानपुर में जीका वायरस के 16 नए मामले, आंकड़ा 100 के पार

    कानपुर (उत्तर प्रदेश) | उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीका वायरस के 16 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ ही यह आंकड़ा 100 के पार चला गया है। जीका के ताजा मामलों में 9 पुरुष और 7 महिलाएं हैं वहीं कन्नौज जिले से शनिवार को पॉजिटिव परीक्षण करने वाला एक मामला सामने आया था।

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ नेपाल सिंह ने कहा कि 16 नए मरीज चकेरी क्षेत्र के हरजिंदर नगर, पोखरपुर, तिवारीपुर बगिया और काजी खेरा इलाके के रहने वाले हैं।

    सीएमओ ने कहा, “केजीएमयू लखनऊ से मंगलवार को मिली रिपोर्ट में सात महिलाएं जिनमें दो गर्भवती हैं और 9 पुरुषों के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। संक्रमित व्यक्तियों में कोई गंभीर लक्षण नहीं हैं। सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है। शहर में लगभग 100 स्रोत में कमी के लिए टीमों को तैनात किया गया है और 15 टीमें घर से नमूने इक्ठ्ठे करने के लिए तैनात की गई हैं। साथ ही, जीका वायरस के प्रसार की जांच के लिए अतिरिक्त 15 रैपिड रिस्पॉन्स टीमों (आरआरटी) को लगाया गया है।”

    एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नमूने इक्ठ्ठे करने का अभियान चलाया जा रहा है।

    “अधिकांश लोग जीका से संक्रमित हैं लेकिन उनमें लक्षण नहीं हैं। डोर-टू-डोर सर्वेक्षण और लोगों के नमूने लिए जा रहे हैं। विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के नमूने लेने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, रेडियोलॉजी केंद्रों को सतर्क कर दिया गया है।”