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  • झारखंडः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के फायदे के लिए की पहल, कुलपति कर रहे ये काम

    झारखंडः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के फायदे के लिए की पहल, कुलपति कर रहे ये काम

    द न्यूज 15 

    रांची । झारखंड बिरसा कृषि विश्वविद्यालय किसानों को उन्नत खेती की ट्रेनिंग देगा। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने आश्वस्त किया कि किसानों को हरसंभव तकनीकी सुविधा बीएयू की ओर से मुहैया कराई जाएगी। रविवार को खूंटी की कुंदी पंचायत स्थित आदिवासी बहुल डुंगटोली बस्ती का कुलपति ने भ्रमण किया। उन्होंने किसान गोष्ठी में भी हिस्सा लिया। उन्होंने आदिवासी किसानों की ओर से ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग व मल्टीटीयर्स तकनीकों से सब्जी व फलों की खेतों का अवलोकन किया। किसान गोष्ठी में कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि आदिवासी बहुल डुंगटोली बस्ती में लाभकारी कृषि को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद गांव के किसान ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग व मल्टीटीयर्स तकनीकों से आधुनिक कृषि अपना रहे हैं। कुलपति ने डुंगटोली बस्ती में कृषि आधारित डाटाबेस तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। ताकि, गांव में कृषि के विभिन्न उद्यम क्षेत्रों में किसानों की अभिरुचि के अनुरूप तकनीकी हस्तांतरण को बढ़ावा देकर ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके।

    उन्होंने स्थानीय महिलाओं को कृषि उत्पाद प्रसंस्करण व मूल्यवर्धन से जुड़ने की सलाह दी। किसानों को चालू गरमा मौसम में तरबूज, मक्का व 60-65 दिनों की अवधि वाली लत्तरदार सब्जी की खेती करने की सलाह दी। केवीके वैज्ञानिक डॉ बंधनु उरांव ने पशुपालन के क्षेत्र में वैज्ञानिक विधि से सूकरपालन, बकरीपालन, मुर्गीपालन, गायपालन आदि का प्रबंधन व लाभों से अवगत कराया। पशुओं केचिकित्सा शिविर व टीकाकरण पर जोर दिया।

    ग्राम प्रधान संगल कमल ने बताया कि डुंगटोली बस्ती की आबादी करीब 700 है। 200 परिवारों में करीब 185 परिवार आदिवासी मुंडा समाज से हैं। गांव की आजीविका का मुख्य साधन कृषि है। कृषि संबंधी तकनीकी जानकारी के अभाव में किसानों को खेती से बेहतर लाभ नहीं मिल पा रहा है। समाजसेवी सेंदल टोपनो ने कहा कि स्थानीय क्षेत्र में लाह की खेती व नई तकनीकी आधारित बेर, आंवला, अमरुद, केला फलों की खेती की अच्छी संभावना है।