Tag: VARUN GANDHI

  • UP में BJP के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी, वरुण, मेनका गांधी और अजय मिश्र टेनी का नाम नहीं

    UP में BJP के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी, वरुण, मेनका गांधी और अजय मिश्र टेनी का नाम नहीं

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में वरुण गांधी, मेनका गांधी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को शामिल नहीं किया गया है।
    वरुण गांधी बीते कुछ समय से लगातार नरेंद्र मोदी सरकार को कई मुद्दों पर घेरते रहे हैं, इस निर्णय को उसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है। कुछ महीने पहले भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में से भी वरुण गांधी और मेनका गांधी को बाहर कर दिया था। वरुण गांधी कई मौकों पर अपने ट्वीट के जरिए किसानों के पक्ष में बोल चुके हैं, वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे पर किसानों को कुचलने के आरोपों पर भी गांधी ने जांच की मांग की थी।
    ज्ञात हो कि वरुण गांधी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और मेनका गांधी सुल्तानपुर से लोकसभा सांसद हैं। हाल ही में वरुण गांधी ने कहा था, ‘मैं निजी लाभ-हानि की दृष्टि से राजनीति नहीं करता. जनहित में बोलने से मुझे कौन रोकेगा।  पिछले महीने एक ट्वीट कर उन्होंने कहा था, ‘रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना– यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है।
    वहीं अजय मिश्र टेनी को भी स्टार प्रचारकों में शामिल नहीं किया गया है। उनके बेटे पर लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के आरोपों के बाद उनके इस्तीफे की मांग की गई थी, लेकिन उन्होंने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है. लेकिन भाजपा ने उन्हें चुनाव प्रचार से दूर रखने का फैसला किया है। हालांकि भाजपा ने अभी सिर्फ पहले चरण के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होने हैं, जो कि 10 फरवरी से लेकर 7 मार्च तक चलेंगे।

  • वरुण गाँधी ने उठाए रात में कर्फ्यू ओर दिन में रैल्लीयों  को लेकर सवाल

    वरुण गाँधी ने उठाए रात में कर्फ्यू ओर दिन में रैल्लीयों को लेकर सवाल

    नई दिल्ली | बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ओमिक्रॉन के लगातार बढ़ रहे मामलो के खतरे के बावजूद लाखों लोगों की प्रचार रैलियां करने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस समय प्राथमिकता तय करने की जरूरत है। वरुण गांधी ने शक्ति प्रदर्शन करने की आलोचना करते हुए कहा कि यह रवैया सामान्य जनता की समझ से परे हैं।

    वरुण गाँधी ने एक ट्वीट करके अपने इन विचारो को साझा किया की यह सब सामान्य जनमानस की समझ से परे है।

    वरुण गाँधी ने प्राथमिकता तय करने की बात करते हुए आगे अपने ट्वीट में लिखा , उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें ईमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन करना है।

    दरअसल, देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना और ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए पांच राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनाव को टालने की मांग भी की जाने लगी है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव टालने को लेकर अपील की थी।

    चुनाव आयोग ने अभी विधान सभा चुनाव की आधिकारिक तारीखों का एलान नहीं किया है लेकिन तमाम राजनीतिक दल रैलियों और रोड शो में लाखों लोगों की भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं। वरुण गांधी के इस ट्वीट ने इसे लेकर फिर से सवाल खड़ा कर दिया है।

    हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट की अपील पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भाजपा मुख्यालय में मीडिया से कहा था कि किस जगह पर कौन सी राजनीतिक गतिविधि होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए, यह तय करने का दायित्व एक संवैधानिक संस्था ( चुनाव आयोग ) के पास है और वही इस मामले को देखेगी।

  • सांसदों को डर है इसीलिए बोलती बंद है: वरुण गाँधी

    सांसदों को डर है इसीलिए बोलती बंद है: वरुण गाँधी

    पीलीभीत (यूपी) | बीजेपी संसद वरुण गाँधी का कहना है | की वो अकेले ही गन्ने की एम् एस पी बढ़ने का मुद्दा उठाते है | बाकि संसद और विधायक इस विषय म बात करने से डरते है | उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी ऐसे मुद्दे नहीं उठाते क्योंकि उन्हें डर है कि उन्हें अगले चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा।

    वरुण इस वक्त अपने निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत में हैं। वो बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय पत्रकारों से बात कर रहे थे।

    उन्होंने कहा, “उन नेताओं को डर है कि उन्हें (चुनाव) टिकट नहीं मिलेगा। अगर जनप्रतिनिधियों ने लोगों की आवाज नहीं उठाई, तो कौन उठाएगा? मुझे चुनाव टिकट नहीं मिलने से कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरी मां ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता है। मैं केवल सच बोलूंगा चाहे सरकार आए या जाए।”

    वरुण का कहना है की वह एक ऐसे क्रन्तिकारी नेता है जो लोगो के साथ हो रहे अन्याय को कभी भी बर्दाश नहीं करते है| |
    उन्होंने कहा, “मैं लोगों की जो भी मदद करता हूं, वह उनके अपने पैसे से होता है, चाहे वह गांवों में युवाओं को खेल उपकरण देना हो या मंदिरों को वित्तीय सहायता देना हो।”

    इस बीच, पीलीभीत के जिलाधिकारी पुलकित खरे को लिखे पत्र में वरुण गांधी ने आरोप लगाया कि जिले में आयोजित होने वाले ‘बांसुरी महोत्सव’ (बांसुरी उत्सव) के लिए व्यापारियों से पैसे की उगाही की जा रही है।

    इस मामले में अभी तक जिलाधिकारी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

    व्यापारियों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन ने उत्सव आयोजित करने के लिए उनसे पैसे लिए हैं।

    भाजपा सांसद ने कहा कि व्यापारियों ने हाल ही में उनसे दिल्ली में मुलाकात की और उन्हें इस मुद्दे की जानकारी दी।

    उन्होंने कहा, “मैं व्यापारियों पर भरोसा करते हुए इस तरह के आयोजनों की प्रथा के खिलाफ हूं। व्यापारियों का अब बहुत बुरा हाल है। मैंने और मेरी मां ने हमेशा पीलीभीत के लोगों को अपने परिवार के सदस्यों के रूप में माना है।”

    वरुण ने आगे कहा कि वह इस मायने में एक ‘क्रांतिकारी’ नेता हैं कि वह लोगों के साथ हो रहे अन्याय को नहीं देख सकते।

  • एमएसपी पर कानून बनाने के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे वरुण गांधी

    एमएसपी पर कानून बनाने के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे वरुण गांधी

    नई दिल्ली| भाजपा के लोकसभा सदस्य वरुण गांधी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे। पीलीभीत से लोकसभा सदस्य वरुण गांधी ने रविवार को कहा कि एमएसपी पर कानून बनाने का समय आ गया है।

    गांधी ने ट्विटर पर अपने प्राइवेट मेंबर बिल का विवरण साझा करते हुए कहा, “भारत के किसानों और उनकी सरकारों ने कृषि संकट पर, आयोगों के अंदर और बाहर लंबे समय से बहस की है। एमएसपी कानून का समय आ गया है। मैंने इसे प्रस्तुत किया है, जिसे मैं कार्यवाही योग्य कानून मानता हूं। मैं इसकी किसी भी आलोचना का स्वागत करता हूं।”

    वरुण गांधी के प्राइवेट मेंबर बिल में एक लाख करोड़ रुपये के वार्षिक वित्तीय परिव्यय के साथ भारत में बड़े पैमाने पर उगाई जाने वाली 22 कृषि वस्तुओं के लिए एमएसपी की गारंटीकृत प्राप्ति की परिकल्पना की गई है और कृषि वस्तुओं की सूची आवश्यकतानुसार समावेशन के लिए खुली रहेगी।

    बिल में कहा गया है कि एमएसपी को उत्पादन की व्यापक लागत पर 50 प्रतिशत के लाभ मार्जिन पर निर्धारित किया गया है, जिसमें इनपुट पर वास्तविक भुगतान खर्च, अवैतनिक पारिवारिक श्रम का मूल्य, और कृषि भूमि और अचल कृषि संपत्तियों पर किराए का भुगतान शामिल है, जैसा कि स्वामीनाथन समिति (2006) में अनुशंसित है।

  • वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर उठाया सवाल

    वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर उठाया सवाल

    नई दिल्ली| भाजपा सांसद वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि सशक्त कानून व्यवस्था का मतलब कानून का भय होता है, पुलिस का नहीं।

    वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किए गए एक लाठीचार्ज का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा है कि सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके। भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं हो सकता है।

    वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके। यह नहीं कि न्याय मांगने वालों को न्याय के स्थान पर इस बर्बरता का सामना करना पड़े, यह बहुत कष्टदायक है।

    वरुण ने आगे अपने ट्वीट में लिखा है , भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं है। सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कानून का भय हो,पुलिस का नहीं।

    आपको बता दें कि 2022 में दोबारा सरकार बनाने के मिशन में लगी भाजपा कानून व्यवस्था को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बता कर प्रचारित कर रही है। भाजपा के रणनीतिकारों का यह मानना है कि कानून व्यवस्था को ठीक करना योगी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है और इसके सहारे 2022 में फिर से प्रदेश की जनता का विश्वास हासिल किया जा सकता है।

    पिछले लंबे समय से अपने ट्वीट और पत्रों के जरिए भाजपा को असहज स्थिति में डालने वाले वरुण गांधी ने एक बार फिर से भाजपा के लिए विकट स्थिति पैदा कर दी है।

  • छोटे दुकानदारों का समर्थन करें: वरुण गांधी

    छोटे दुकानदारों का समर्थन करें: वरुण गांधी

    नई दिल्ली, भाजपा सांसद वरुण गांधी ने सरकार की आर्थिक नीति पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि कुप्रबंधन ने बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों और दुकानदारों को अपना कारोबार बंद करने के लिए मजबूर किया है।

    पीलीभीत से भाजपा के लोकसभा सदस्य वरुण गांधी ने लोगों से अपील की कि वे अमेजन और वॉलमार्ट के बजाय पड़ोस के छोटे दुकानदारों से खरीदारी करके उनका समर्थन करें।

    गांधी ने ट्विटर पर एक खबर साझा करते हुए कहा कि वैश्विक मंदी के समय वे (छोटे उत्पादक और दुकानदार) ही थे जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की देखभाल की। भ्रष्टाचार, महंगाई और आर्थिक नीति के कुप्रबंधन के कारण बड़ी संख्या में छोटे उत्पादक और दुकानदार अपना व्यवसाय बंद करने को मजबूर हैं।

    वरुण गांधी किसानों के विरोध से लेकर लखीमपुर की घटना तक और अब 5 दिसंबर को यूपीटीईटी में अनियमितताओं को लेकर कई मुद्दों पर अपनी ही सरकार से सवाल कर रहे हैं। लखनऊ में यूपी शिक्षक परीक्षा के विरोध करने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए, वरुण गांधी ने पूछा कि भर्ती क्यों नहीं की जाती हैं जब रिक्तियां होती हैं।

    2019 यूपी शिक्षक प्रवेश परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 में कथित अनियमितताओं को लेकर कैंडललाइट मार्च निकालने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का एक वीडियो साझा करते हुए, उन्होंने अफसोस जताया कि कोई भी उनकी मांग को सुनने के लिए तैयार नहीं है।

    अक्टूबर में, वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति से हटा दिया गया था।

  • भारत के युवाओं को कब तक सब्र रखना होगा : वरुण गांधी

    भारत के युवाओं को कब तक सब्र रखना होगा : वरुण गांधी

    नई दिल्ली, भाजपा सांसद वरुण गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर नौकरी और पेपर लीक पर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ‘पहले तो सरकारी नौकरी नहीं होती और कुछ मौके मिलते हैं तो पेपर लीक हो जाते हैं।’ उन्होंने सवाल किया कि भारत के युवाओं को कब तक सब्र रखना होगा? पीलीभीत से भाजपा के लोकसभा सदस्य वरुण गांधी किसानों के विरोध, लखीमपुर खीरी कांड जैसे मुद्दों पर अपनी ही पार्टी की सरकार पर लगातार सवाल उठा रहे हैं।

    वरुण ने ट्वीट कर कहा, “पहले कोई सरकारी नौकरी नहीं है, कोई मौका आता है तो पेपर लीक हो जाता है, अगर आप परीक्षा देते हैं तो वर्षों तक कोई परिणाम नहीं होता है, तो यह किसी घोटाले में रद्द हो जाता है। 1.25 करोड़ युवा दो साल से रेलवे ग्रुप डी परीक्षा की प्रतीक्षा कर रहे हैं । सेना भर्ती के साथ भी ऐसा ही है। भारत के युवाओं को कब तक धैर्य रखना चाहिए।”

    रविवार को पेपर लीक होने के बाद यूपीटीईटी 2021 को रद्द करना पड़ा था।

    उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया था, “यूपीटीईटी परीक्षा का पेपर लीक होना लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इस दलदल की छोटी मछली पर कार्रवाई से काम नहीं बनेगा, सरकार को चाहिए कि उनके राजनीतिक संरक्षक शिक्षा माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। अधिकांश शिक्षण संस्थान राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों के स्वामित्व में हैं, उनके खिलाफ कब कार्रवाई की जाएगी?”

    अक्टूबर में, वरुण और उनकी मां मेनका गांधी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति, पार्टी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था से हटा दिया गया था।

    लखीमपुर खीरी कांड के बाद वरुण गांधी ने कहा था कि इसे हिंदू बनाम सिख लड़ाई में बदलने की कोशिश की जा रही है।